निगम के अधिकारियों से सांठ-गांठ कर अनुबंध के विपरीत लगा रहे होर्डिंग्स
सरकारी संपत्ति पर लगाए जा रहे होर्डिंग,निगम बना मूकदर्शक
सरेआम उड़ाई जा रही विरुपण अधिनियम की धज्जियां
हजारों की तादात में अवैध होर्डिंग्स से अटा पड़ा है राजधानी
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। सार्वजनिक स्थानों व सरकारी संपत्ति पर विज्ञापन व होर्डिंग्स लगाकर सरेआम प्रदेश विरुपण अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। प्रशासन इस मसले पर मौन बैठा हुआ है। इस अधिनियम के मुताबिक किसी भी सार्वजनिक स्थान पर बिना अनुमति होर्डिंग्स व बैनर नहीं लगाए जा सकते हैं, जबकि सरकारी संपत्ति पर होर्डिंग्स लगाना गैर-कानूनी है। नियमों के उलट व्यस्ततम सड़कों के किनारे होर्डिंग्स, बैनर व पोस्टर बिजली के खंभों तथा अन्य सरकारी संपत्ति पर लगे हुए हैं। इसके अतिरिक्त पेड़ों पर भी कीलों की सहायता से होर्डिंग्स लटका कर कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
हालात यहां तक बिगड़ चुके हैं कि जिसका भी दिल करता है वो अपने होर्डिंग, बैनर जहां-तहां लगाकर चला जाता है। हैरानी की बात यह है कि कई विज्ञापनों में संबंधित पार्टी का पूरा पता व फोन नंबर लिखा होने के बावजूद भी प्रशासन इन पर कोई भी कार्रवाई नहीं कर पा रही है।
छुटभैया नेताओं के दबाव के चलते अधिकारियों ने चुप्पी साधी
होर्डिंग्स लगाने में सबसे ज्यादा योगदान अस्पताल, निजी स्कूलों व राजनीतिक पार्टियों का है, जबकि इस मामले में छुटभैया नेताओं के दबाव के चलते प्रशासनिक अधिकारियों ने इस पर चुप्पी साध रखी है। ऐसे में लोगों का दबी जुबान में कहना है कि नियम कायदे बनाने का क्या फायदा जब उन पर अमल ही न करना हो। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि सार्वजनिक व सरकारी संपत्तियों का नुकसान करके अपना धंधा चमकाने वाले व्यक्तियों व संस्थानों पर कार्रवाई करके समस्या से निजात दिलवाई जाए।
अवैध कमाई का खेला
विज्ञापन नियमावली की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। मानकों के विपरीत यूनीपोल व होर्डिंग लगाकर हादसों को तो न्योता दिया ही जा रहा है, साथ ही अवैध कमाई का भी खेल खेला जा रहा है। प्रदेश में लागू विज्ञापन नियमावली के अनुसार यूनीपोल या होर्डिंग ऐसी जगह पर नहीं लगाए जा सकते, जिससे वह यातायात में बाधक या फिर दुर्घटना का कारण बने। लेकिन नियमों मापदंडों को ठेंगा दिखाया जा रहा है। शहर में दो एजेंसियों को यूनीपोल, होर्डिंग लगाने के काम सौंपे गए हैं। ये एजेंसियां खुले तौर पर मानकों की धज्जियां उड़ाई रही हैं। इसके बावजूद अधिकारी मापदंडों के तहत यूनीपोल लगाने का हवाला दे रहे हैं। चौराहे व उसके आसपास होर्डिंग नहीं लगाए जा सकते, मगर पांच रास्ते वाले जगहों पर शोभायमान बड़े-बड़े होर्डिंग यूनीपोल निगम प्रशासन को मुंह चिढ़ा रहे हैं। नियम शर्तों के अनुसार साइज बढऩा नहीं था तो कैसे बढ़ा? नगर पालिक निगम रायपुर सीमा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न डिवाइडर पर शहर की सौंदर्यीकरण एवं बेहतर नागरिक सुविधा प्रदान करने हेतु कुल 11 रोड ग्रुप में 126 मिनी पोल जिसकी साइज 15 बाई नौ तीन वर्षो ंके लिए बीओटी आधार पर स्थापित करने हेतु निविदा आमंत्रण सूचना क्रमांक 797 /भनिअप्र/नपानि 2019 /दिनांक 26 /62019 को जारी की गई थी। निविदा में नियम व शर्त क्रमांक 5 में नगर निगम व्दारा साफ उल्लेख किया गया था कि अनुबंध तीन वर्षों के लिए किया जाएगा तथा प्रत्येक वर्ष समाप्ति पश्चात स्वीकृत दर मे 5 प्रतिशत की कामोतर वृद्धि की जाएगी । राशि निर्धारित अवधि में जमा न कराए जाने पर कुल देय राशि में एक प्रतिशत की दर से अधिभार भी लिया जाएगा। इसी तरह निविदिा व नियम व शर्त क्रमांक 8 व 11 में स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि यूनीपोल की संख्या बढ़ाई या घटाई जा सकती है पर कहीं भी साइड घटाने और बढ़ाने की जिक्र नहीं था और स्पष्ट तौर पर लिखा था कि नियम 11 में किसी भी स्थिति में 15 गुणा 9 साइज से घटाई और बढ़ाई नहीं जा सकती तो 2021 में नियम विपरीत नवीनीकरण कर साइज बढ़ाकर 18 गुणा 18 और 20 गुणा 20 कर दूसरे निविदाकारों के साथ छल किया गया और जानमाल के नुकसान की भी ध्यान नहीं रखा गया। अधिकारियों की मिलीभगत और ठेकेदारों की मनमर्जी हावी राजधानी में होर्डिंग्स हो या फिर यूनीपोल। नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत और ठेकेदारों की मनमर्जी हावी साफ दिख रही है। जहां तक लोगों को विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता का संदेश देना चाहती है वह दुर्घटनाकारित बन सकता है। ऐसा भी नहीं की नगर निगम के अधिकारियों की निगाह में यह सब नहीं आया हो, ठोस कार्रवाई से बच रहे हैं। इससे राहगीरों को खतरा बना हुआ है। नगर निगम की ओर से शहर में सिर्फ 36 साइटों पर ही यूनीपोल लगाने की अनुमति है पर पार्षदों की मानें तो इनकी संख्या काफी अधिक हो रही है। सड़क चौड़ी करने के लिए बिजली के खंभे को तो हटा दिया गया पर यूनीपोल रोड पर ही लगा हुआ है। इससे रात को वाहन चालकों के टकराने का खतरा बना हुआ है। होर्डिंग्स माफिया की दबंगई राजधानी में होर्डिंग्स माफिया का दबदबा शुरुआत से है, नगरीय प्रशासन के अधिकारी तो मात्र मूकदर्शक है। होर्डिंग्स माफिया अपने ठेकेदार से नियम कायदे को मोड़ ले रहा है।
सुको कह चुका है- जितने सैनिक शहीद नहीं हुए उससे ज्यादा मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुई
अधिवक्ता आशीषदेव सोनी ने राजधानी के डिवाइरों पर स्थापित यूनी पोलो की निविदा को नियम विरूद्ध नवीनीकरण कर निगम को करोड़ों की राजस्व की हानि, निविदा में विसंगतियां और अवैध होर्डिंग्स से होने वाली जन हानि के संबंध में शिकायत सीएम और राज्यपाल को प्रेषित किया है, जिसकी प्रति उन्होंने आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के डायरेक्टर को भी भेजा है।
ज्ञात हो कि आज तक जितने सैनिक शहीद नहीं हुए है उससे ज्यादा लोग सड़क दुर्घटना में मारे जाते हैं । इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जाहिर कर चुकी है। सर्वे के मुताबिक पिछले एक दशक में 14 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए । इतनी मौतों के बाद भी निगम के अधिकारी निविदा नवीनीकरण के नाम पर होर्डिंग्स और यूनीपोल की साइज अमानक होने के बाद भी धड़ाधड़ मंजूरी देकर मौत का दरवाजा खोल रहे हैं।