छत्तीसगढ़
पुलिस पर विश्वास नहीं, मजिस्ट्रेट के सामने बयान देंगी रेप पीड़िता
Nilmani Pal
20 July 2022 5:59 AM GMT
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छग
रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक रेप पीड़िता के मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि यदि वह पुलिस के समक्ष बयान नहीं देना चाहती है तो वह सीधे मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करा सकती है। बयान दर्ज होने के बाद मजिस्ट्रेट कानून के मुताबिक आगे की कार्रवाई करेंगे।
याचिकाकर्ता सड़कों में कचरा बीनने का काम करती है। वह इस साल अप्रैल महीने में गायब हो गई थी। उसके पति ने पुलिस में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। कुछ दिन बाद वह घर वापस आ गई। इस बीच उसका एक न्यूड वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। पीड़िता ने पुलिस में शिकायत की कि एक बैंक कर्मचारी ने उसके साथ रेप किया। उसके साथी ने इस दौरान उसका वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया। पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत अपराध तो दर्ज किया, पर दुष्कर्म का मामला दर्ज नहीं किया। साथ ही आरोपियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद व्यवस्था दी है कि वह धारा 164 के तहत सीधे मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज करा सकती है। इसके लिए पुलिस को जानकारी देना जरूरी नहीं है।
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