रायपुर। बघेल सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव हां, ना के ध्वनिमत से ही गिर गया। इस पर करीब 13.30 घंटे तक चर्चा हुई। इसमें पक्ष, विपक्ष के 40 से अधिक विधायकों ने अपनी अपनी बात रखी। सबसे अंत में सभी का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक विज्ञापन के 218 करोड़ का भुगतान किया। इसमें से 100 करोड़ रुपए पूर्व सरकार के विज्ञापन कि देनदारी थी ।कहा गया कि गौधन न्याय योजना में विज्ञापन पर 120 करोड़ रुपये खर्च किये गये जबकि वास्तविकता यह है कि वर्ष 2020-21 में 7.44 करोड़ और वर्ष 2021-22 में 2.66 करोड़ अर्थात् दोनों वर्षों के व्यय को मिलाकर केवल कुल 10 करोड़ 10 लाख रुपए खर्च किए गए। हमारी सरकार गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का स्लोगन लेकर चल रही है।
हमने किसानों , राज्य के लोगों का भला करने के लिए क़र्ज़ लिया। हम व्यक्ति को केंद्र में रखकर योजना बना रहे है । स्वास्थ्य , शिक्षा , रोज़गार , सुपोषण को ध्यान में रखकर काम कर रहे है ।दो वर्ष कोरोना के बावजूद शिक्षा , रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराया। हर घर को नल से जल देने की योजना है , हम पहले जल की व्यवस्था कर रहे हैं नरवा प्रोजेक्ट के जरिए जल संरक्षण कर रहे हैं ताकि सतही जल का उपयोग हो सके। हमने हाट बाज़ार क्लिनिक योजना शुरू की और शहर में स्लम स्वास्थ्य योजना बनाई।आज पूरे प्रदेश में आत्मानंद स्कूल की माँग है।
सीएम बघेल ने कहा 27 विधानसभा का दौरा किया है मैंने। आदिवासी क्षेत्रों में बैंक की माँग है। आम जनता की माँग है बैंक खोलने के लिए,क्योंकि अब लोगों को पैसा मिल रहा है।अब लोगों को पैसे मिलने लगा है। विकास, विश्वास और सुरक्षा का मंत्र राजनांदगाँव से राजहरा, अंतागढ़, नारायणपुर तक सड़के बन रही है ।
नक्सली अब पलायन कर रहे है ।नक्सली 14 ज़िले में थे। नक्सल समस्या हमको विरासत में मिली थी । आज किसानो के बारे में कह रहे है ।हमने कहाँ हम किसानो का पूरा धान ख़रीदेंगे चाहे केंद्र से राशि मिले या न मिले। केंद्र सरकार राशि दे या नहीं दे। चावल खरीदे या नहीं खरीदे हम किसानों से धान समर्थन मूल्य में खरीदेंगे। हमने जो वादा किया वह निभाया है।
बघेल ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बाद भी रकबा में वृद्धि हुई किसानों की संख्या में वृद्धि हुई।बड़े-बड़े किसान खेती छोड़ चुके थे वह खेती की ओर फिर से मुड़ गए हैं। सीएम बघेल ने कहा कि 30 लाख हेक्टर का पंजीयन हो रहा है।हमारी कोशिश है कि यहाँ के किसानो और मज़दूरों के जीवन में बदलाव आए। गाँव में लोग ख़ाली बैठे थे , पहले क्या स्थिति थी और आज क्या स्थिति है. बड़े बड़े किसान और खेती छोड़ चुके थे लेकिन आज सब फिर से किसानी से जुड़ रहे है। लोग गाँव छोड़कर शहर बसने लगे थे ।जब से हमने खेती को लाभकारी बनाया है.. रिवर्स मायग्रेशन होने लगा है और आज हमारे गाव बौद्धिक सम्पदा से भरपूर हो रहा है।हमने छत्तीसगढ़िया का आत्मबल बढ़ाया ।हम गढ़ रहे हैं नवा छत्तीसगढ़। राज्य कि 58 में से 52 कोयला खदाने एस ई सी एल के पास है । अनियमितता का पता चलते ही हमने कार्यवाही की। विधानसभा में ध्वनिमत से अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकृत हुआ।