छत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं!

Nilmani Pal
11 May 2022 5:37 AM GMT
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं!
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  1. सीएम का एक्शन: कमीशनखोर सीईओ, पटवारी, रेंजर नप रहे
  2. मुख्यमंत्री भेंट मुलाकात में अधिकरियों की लापरवाही पर सख्त
  3. दूसरी ओर पीएमजीएसवाई में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियां पर मंत्री और विभाग मेहरबान

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। सीएम भूपेश बघेल लगातार सरकारी की योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करने जमीनी स्तर पर दौरे कर रहे है। इस दौरान योजनाओं में गड़बडिय़ां पाए जाने पर धड़धड़ सस्पेंड करने की कार्रवाई सामने आ रही है। इस त्वरित कार्रवाई से ग्रामीणों में गजब का उत्साह देखा जा सकता है। लेकिन सबसे अहम मुद्दा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गांवों सो शहरी क्षेत्र से जोडऩे के नाम पर गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, राजनांदगांव, कवर्धा, डोंगरगांव, मानपुर मोहला सहित अनेक शहरों को गांवों से जोडऩे वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को लेकर जनता से रिश्ता लगातार बिंदुवार गड़बडिय़ों को प्रकाशित करता रहा है उस पर न तो मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, विभागीय प्रमुख सचिव ने संज्ञान ही नहीं लिया। जिसके चलते प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में भ्रष्टाचार बदस्तूर जारी है। पीएम ग्राम सड़क की गुणवत्तीविहीन निर्माण को लेकर ग्रामीण शुरूआत से ही सड़़क के नाम पर लिपापोती करने की शिकायत करते आ रहे जिस पर किसी ने भी संज्ञान नहीं लिया। वहीं मुख्यमंत्री सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का फिडबैक लेने सीदे जनता से रू-ब-रू हो रहे है जिसमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क को लेकर अधिकारियों ने शिकायत की प्रति सीएमओ कार्यालय नहीं पहुंचाया। जिससे जान पड़ता है कि अधिकारियों ने अपने बचाव के लिए पीएम ग्राम सड़क में हुए गड़बडिय़ों को सीएम के सामने आने ही नहीं दे रहे है। जबकि विभागीय मंत्री को इस संबंध में ग्रामीणों ने लिखित और मौखिक शिकायत थी, जिस पर सरकार ने संज्ञान लेना ही मुनासिब नहीं समझा। सबसे बड़ी बात यह है कि पीएम ग्राम सड़क योजना अंतर्गत बने सड़कों का इस्तेमाल ग्रामीण ही करते है। गांव से शहर तक आने के लिए बैलगाड़ी या उनका निजी वाहन ट्रैक्टर से मरीजों को अस्पताल पहुंचाते है, ऐसे हालात में सड़कों की शिकायत करें या मरीज की जान बचाए। क्योंकि ग्रामीणों को मालूम है कि पीएम ग्राम सड़क योजना की शिकायत पर तब किसी ने संज्ञान नहीं लिया तो अब क्या करेंगे। अब तो ग्रामीणों ने भी माथा टेक चुके है। पूरे प्रदेश में पीएम ग्राम सड़क योजना का काम एक ही अधिकारी और एक ही ठेकेदार देख रहे है। ठेकेदार भी सड़क बनाने के नाम पर पेटी कांट्रेक्टर को सड़क बनाने की जिम्मेदारी सौंपकर इतिश्री कर लिया है। जब बिना सड़क बनाए ही अरबों रुपए मिल जाते है तो काम करके एक-लाख क्यों कमाएं।

गरियाबंद संभाग के घुमरापदर से खोकमा, घुमरापदर से सीनापल्ली, छउईहा से चैतरा मोड़, परसदाकला से खुड़सा (टेंवारी), हाथीबुडा से रोहिना, रविनगर से कपसिडीही, रजनकटा से दिवना, आसरा से मोहतरा और मुरमुरा से जमाही जैसी कई सड़कों की दुर्दशा देखकर निर्माण एजेंसियों द्वारा मापदंडों और गुणवत्ता से की गई खिलवाड़ को समझा जा सकता है।

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