दवाइयों का कच्चा माल खरीदने का झांसा देकर ठगी, नाइजीरियन गिरफ्तार
वीजा तक फेक, दूतावास को खबर
नाइजीरियन गैंग के पास से छत्तीसगढ़ पुलिस को जो वीजा मिला है वह भी फर्जी साबित हुआ है। एक अधिकारी के मुताबिक एक हफ्ते पहले मुंबई में जांच के दौरान इस गैंग ने अपना पासपोर्ट और वीजा दिखाया था। जांच करने के बाद वीजा में लगाए गए सील तक फेक साबित हुए। अब इसके बारे में जानकारी अफ्रीकी दूतावास को देने तैयारी है।
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। दवाइयां बनाने के लिए लाखों का कच्चा माल खरीदने का झांसा देकर ठगी करने वाला नाइजीरियन गिरोह पकड़ा गया। पुलिस मुख्यालय की टीम ने मुंबई में छापा मारकर एक नाइजीरियन और स्थानीय युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने देवेंद्र नगर के कारोबारी से 17 लाख की ठगी की थी। ठगी का पैसा आरोपियों ने नाइजीरिया में ट्रांसफर कर दिया है। आरोपियों ने छह से ज्यादा राज्यों में ठगी की है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मूलत: अफ्रीका डोसों ईशुफ (35) मुंबई में किराए पर रहता है। वह टूरिस्ट वीजा लेकर भारत आया है। मुंबई के जगदीश पाल के साथ वह ठगी का रैकेट चला रहा था। आरोपी खुद को अफ्रीका का दवा कारोबारी बताकर लोगों को झांसा देते थे। आरोपियों ने मई में देवेंद्र नगर के दवा कारोबारी आसिफ फारुखी से संपर्क किया है। आसिफ का आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है। उनसे अफ्रीका के डेबिट जॉन्सन से वाट्सएप पर संपर्क किया। उसने कहा कि उनकी कंपनी जानवरों की दवाई, इंसानों के दिल से जुड़ी बीमारियों की दवाइयां बनाते हैं।
ठगी का रकम अफ्रीका के एक बैंक में करते थे जमा
सोशल प्लेटफार्म पर ठगी की घटनाओं को अंजाम देने वाले शातिर आखिर रुपयों का ट्रांजेक्शन होने के बाद अपनी कमाई कहां जमा कर रहे हैं, इसे लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। छत्तीसगढ़ समेत पूरे भारत में ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले नाइजीरियन गैंग ने खातों से उड़ाई राशि अफ्रीका के एक बैंक में जमा कराया है। रायपुर पुलिस अब इसकी छानबीन में जुटी है। सेंट्रल साइबर सेल की टीम ने दो नाइजीरियन को पकड़ा है। अकेले रायपुर शहर से इन्होंने 17 लाख रुपए ठगने का खुलासा किया है।
करीबी सूत्र के मुताबिक पकड़े गए नाइजीरियन गैंग ने बड़ा खुलासा किया है कि वे लोगों के ई-वॉलेट से रकम निकालने के बाद उसे सीधे अफ्रीकी देश के बैंक में जमा कर देते थे। विदेशी बैंक में रकम पहुंचने के बाद वहां पूंजी सिक्योर हो
जाती है। रायपुर समेत छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन ठगी केस में किए गए बैंक ट्रांजेक्शन के संबंध में जानकारी पहले बार सामने आई है। छत्तीसगढ़ पुलिस का अनुमान है, इंटरनेशनल गैंग ने पूरे देशभर में 55 करोड़ रुपए से भी ज्यादा ठगे हैं। वक्त बदलने के साथ नाइजीरियन गैंग ने ठगी का पैटर्न बदल-बदलकर पीडि़तों को फोन पर झांसे में लिया है। पहले तक खुद को लॉटरी किंग या फिर बैंक अफसर बताते थे, लेकिन वक्त गुजरने के साथ इन्होंने खुद को प्राइवेट कंपनी का ऑनर बनाकर लोगों को ठगने का काम किया।
ऐसे बदला ठगी का पैटर्न
साइबर इंस्पेक्टर निशित अग्रवाल के अनुसार आजकल नाइजीरियन गैंग ने ठगी का पैटर्न बदल दिया है। पहले खुद को बैंक अफसर या फिर लाटरी वाला बताकर झांसे में लेते थे। नए पैटर्न में खुद को एक बड़ी कंपनी का ऑनर बताकर ठग रहे हैं। नाइजीरियन गैंग की पड़ताल में सोशल मीडिया में नई-नई कंपनियों के बारे में पता चला है। असल में यह कंपनियां कहीं भी अस्तित्व में ही नहीं है।