छत्तीसगढ़

महतारी एक्सप्रेस की एम्बुलेंस में लिया नवजात ने जन्म

Shantanu Roy
3 April 2022 6:20 PM GMT
महतारी एक्सप्रेस की एम्बुलेंस में लिया नवजात ने जन्म
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छग

बिलासपुर। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देते हुए सरकारी अस्पतालों में ही प्रसव करवाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में शनिवार को जिला अस्पताल मुंगेली से कुछ दूरी पहले ही एंबुलेंस में ही महिला का प्रसव करवाना पड़ा। हालांकि जच्चा और बच्चे को बाद में जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां दोनों स्वस्थ हैं।

इस संबंध में 102 महतारी एक्सप्रेस के जन संपर्क अधिकारी, शिबू कुमार ने बताया 102 महतारी एक्सप्रेस कॉल सेंटर में मातृ एवं शिशु अस्पताल एमसीएच) लोरमी से जिला अस्पताल मुंगेली ले जाने के लिए कॉल आया। उस वक्त ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) ओम प्रकाश जायसवाल और ड्राइवर जितेन्द्र कुलमित्रा ड्यूटी में थे। एंबुलेंस लेकर जब वे एमसीएच लोरमी पहुंचे तो उन्हें जानकारी मिली की गर्भवती महिला जिसकी उम्र 20 वर्ष है।
उसका पहला गर्भ था और महिला की स्थिति अति गंभीर (बच्चे के गले मे नाल फंसी हुई और गर्भवती का हिमोग्लोबिन कम ) होने की वजह से महिला को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। ईएमटी ओमप्रकाश और ड्राइवर जितेन्द्र ने गर्भवती महिला एवं उसके परिजनों को एंबुलेंस में बिठाया और जिला अस्पताल मुंगेली के लिए रवाना हो गए।
कुछ दूर चलने पर महिला की प्रसव पीड़ा इतनी बढ़ गई कि रास्ते में एंबुलेंस को रोककर प्रसव कराने के अलावा एंबुलेंस कर्मियों के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था। इसके बाद गाड़ी को रोककर ईएमटी ओमप्रकाश ने सूझबूझ से महिला का सुरक्षित प्रसव कराया। प्रसव पश्चात शिशु और प्रसूता दोनों को जिला अस्पताल मुंगेली में भर्ती कराया गया।
इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन डे पर सराहनीय प्रयास - 2 अप्रैल को इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन डे ( ईएमटी डे) के रूप मे मनाया जाता है और इसी दिन ईएमटी ओमप्रकाश जायसवाल ने अपनी सूझ बूझ और तकनीकी निपुणता का परिचय देते हुए इस जटिलता भरे केस को हैंडल कर जच्चा और बच्चा दोनों की जान बचाई।
महिला के बच्चे के सिर मे नाल फंसा हुआ था जिससे प्रसव में दिक्कत हो रही थी। ईएमटी ने सिर में फंसे दो राउंड नाल को धीरे धीरे निकाला। सिर फंस जाने के कारण बच्चे के मुह और नाक मे पानी भर गया था जिससे बच्चे को सांस लेने मे दिक्कत हो रही थी 7 ईएमटी ओमप्रकाश ने पानी को बाहर निकाला और तब बच्चे की किलकारी गूंजी।
बचाई जान, बधाई के पात्र हैं एंबुलेंस कर्मी
गंभीर स्थिति होने के बावजूद भी एंबुलेंस कर्मियों ने सफल प्रसव कराकर जच्चा और बच्चा को सुरक्षित बचाने से महिला के परिजन रीतेश (परिवर्तित नाम) काफी खुश नजर आए। उन्होंने एंबुलेंस कर्मियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यदि एंबुलेंस कर्मी नहीं होते तो जच्चा और बच्चा को बचाना मुश्किल होता।
Shantanu Roy

Shantanu Roy

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