छत्तीसगढ़

शराब घोटाले मामले में नया मोड़

Nilmani Pal
9 April 2024 6:15 AM GMT
शराब घोटाले मामले में नया मोड़
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा जब आपराधिक धनराशि नहीं है तो मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता, मनी ट्रेल के अभाव में

मनीट्रेल को सबूत के लिए माना जाता है पर्याप्त आधार, लेकिन इसी के अभाव के कारण मनी लॉड्रिंग केस को किया रद्द

अब मनीट्रेल डायरी की ईडी-ईओडब्ल्यू को करनी होगी तलाश

जनता से रिश्ता ने कल प्रकाशित किया था पूर्व आईएएस और उसके बेटे को मिल सकती है राहत

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रायपुर/दिल्ली। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में मनी लांड्रिंग केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व इस अनिल टुटेजा और उसके बेटे को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लांड्रिंग केस को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले को लेकर इससे जुड़े मनी लांड्रिंग केस को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही प्रदेश के चर्चित शराब घोटाले मामले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा को मनी लांड्रिंग मामले से राहत दे दी है। बता दे कि छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ के शराब घोटाले मामले को लेकर ईडी ने रेड मारने के बाद कार्यवाही की थी। जिसमें कई आरोपियों को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। वहीं ईडी ने मामले में अन्य लोगों को पूछताछ के लिए समन भी भेजे थे। इस बीच छत्तीसगढ़ के पूर्व इस अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा के खिलाफ मनी लांड्रिंग के मामले में पूछताछ की जानी थी।

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है। न्यायमूर्ति अभय एस औका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने मामले में टिप्पणी करने के बाद शिकायत को खारिज कर दिया है। कहा है कि मामले में प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट ईसीआईआर और एफआईआर को देखने के बाद यह पता चलता है कि इसमें किसी भी प्रकार से विधेय अपराध या अवैध गतिविधि नहीं हुई है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि जब इसमें किसी भी प्रकार से आपराधिक धनराशि नहीं है तो इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता है। अब ईडी और ईओडब्ल्यू नया सिरे केस दर्ज कर कार्रवाई को आगे बढ़ाएगी।

अनिल टुटेजा पर लगे थे आरोप

दिल्ली की एक अदालत में आयकर विभाग ने 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर चार्जशीट दायर की थी। ईडी ने अपनी चार्जशीट में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को मनी लॉन्ड्रिंग का मास्टरमाइंड बताया था। ईडी ने कहा था कि पूरा सिंडीकेट अनिल टुटेजा से जुड़ा था।

ईडी ने कहा था कि इस सिंडीकेट में राजनीतिक अधिकारियों के साथ राज्य सरकार के प्रशासनिक अधिकारी और निजी व्यक्ति शामिल हैं। अनिल टुटेजा उस वक्त वाणिज्य और उद्योग विभाग के तत्कालीन संयुक्त सचिव थे। ईडी ने इस मामले में कई और प्रशासनिक अधिकारियों को आरोपी बनाया था। इसी के साथ आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर भी आरोप लगे थे।

डिस्टिलर्स से रिश्वतखोरी का आरोप

छत्तीसगढ़ सरकार पर शराब की खरीद और बिक्री के लिए बने राज्य निकाय यानी सीएसएमसीएल के जरिए शराब की खरीद को लेकर डिस्टिलर्स से रिश्वतखोरी का आरोप है। डिस्टिलर्स से कार्टेल बनाने और बाजार में हिस्सेदारी तय करने के लिए पैसे लिए गए। जानकारी के अनुसार, प्रति शराब के आधार पर रिश्वत लेने और देशी शराब को ऑफ-द-बुक बेचने के भी आरोप लगाए गए हैं।

जनता से रिश्ता ने पहले ही छाप दी थी खबर

सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले के मामले में चल रहे मनी लॉड्रिंग केस को रद्द कर दिया है। जिसमें पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और उसके बेटे यश टुटेजा को राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले में मनीलॉन्ड्रिंग केस को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूरी कार्रवाई को ही खारिज कर दिया है। अलग-अलग याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में ईडी की ईसीआईआर और एफआईआर से यह पता चलता है कि कोई अपराध नहीं हुआ है और अपराध से कोई आय नहीं की गई है। इसलिए मनीलॉन्ड्रिंग का कोई केस नहीं बनता है और हम आपके केस को रद्द करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जवल भुइयां की डबल बेंच ने इस मामले को सुना।

अनवर ढेबर को मिली 4 दिन की रिमांड

अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को कोर्ट में पेश किया, जहां दोनों को 12 अप्रैल तक ईओडब्ल्यू की रिमांड पर भेजा गया। बता दें कि अनवर ढेबर और अरविंद सिंह की रिमांड खत्म होने के बाद आज दोनों को निधि शर्मा तिवारी की कोर्ट में पेश किया गया था, जहां शराब घोटाले मामले में कोर्ट ने कारोबारी अनवर ढेबर और अरविंद सिंह की रिमांड मंजूर की है। छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले मामले में ईओडब्ल्यू ने कारोबारी अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को सोमवार को कोर्ट में पेश किया। दोनों की रिमांड अवधि पूरी होने पर उन्हें कोर्ट लाया गया है। इस दौरान ईओडब्ल्यू की ओर से दोनों की रिमांड बढ़ाने को लेकर पक्ष रखा जाएगा। जानकारी के मुताबिक, 3 दिनों की पूछताछ ने ईओडब्ल्यू को कोई जानकारी नहीं मिली है।

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