3 साल में पूरा नहीं हुआ न्यू राजेन्द्र नगर और कमल विहार ओवरब्रिज
अनुबंध मुताबिक ओवरब्रिज को मात्र आठ महीने में ही करना था पूरा
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। न्यू राजेन्द्र नगर से कमल विहार को जोडऩे के लिए एनएच 38 के ऊपर 25 करोड़ 38 लाख रुपये की लागत से ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी ने जनता की जरूरत को समझते हुए ओवरब्रिज का टेंडर 18 मई 2017 को लखनऊ की जीएस एक्सप्रेस-वे नामक कंपनी को काम का जिम्मा सौंपा था। न्यू राजेन्द्र नगर और कमल विहार को जोडऩे वाले ओवरब्रिज के लिए चार माह का इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि ओवरब्रिज पर गार्डर चढ़ाने और उसे फाइनल टच देने के लिए ठेका एजेंसी को कर्मचारी नहीं मिल पा रहे हैं। कर्मचारी ना मिलने का खामियाजा राजधानी की जनता को भुगतना पड़ेगा। वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिकारी भी ठेका एजेंसी के ऊपर कार्रवाई करने के बजाय किसी तरह काम पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि भिलाई से गार्डर बनकर आ गया है। ठेकेदार की लापरवाही की वजह से थोड़ी दिक्कत आ रही है। ओवरब्रिज की लंबाई 786.00 मीटर तथा चौड़ाई 08.40 है। कंपनी ने काम तेजी से शुरू किया था लेकिन उसके बाद कंपनी की गति कम हो गई। जिसका नतीजा यह है कि तीन साल पूरा होने को हो गये हैं, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। जबकि अनुबंध की शर्तों के मुताबिक ओवरब्रिज को मात्र आठ महीने में ही पूरा करना था।
ओवरब्रिज से मिलेगा फायदा
वर्तमान में रायपुर-अभनपुर-धमतरी मार्ग पर ट्रैफिक जाम की समस्या अक्सर लगी रहती है। ओवर ब्रिज के निर्माण के बाद न्यू राजेन्द्र नगर से कमल विहार जाने वाले यात्री ऊपर से निकल जाएंगे। इससे ट्रैफिक बेहतर होगा। इसके साथ ही काशीराम नगर की ओर से ओवरब्रिज शुरू होते ही पचपेड़ी नाका, राजेंद्र नगर, लालपुर की तरफ वाहनों की आवाजाही बढ़ेगी। काशीराम नगर की ओर से गाडिय़ां राजेंद्र नगर में उतरकर सीधे कमल विहार की ओर फ्लाईओवर पर चढेंगी। ओवरब्रिज का निर्माण होने से करीब एक से डेढ़ लाख लोगों को राहत मिलेगी।
ओवरब्रिज का निर्माण चार साल देरी से
ओवरब्रिज के निर्माण के लिए टेंडर जारी करते समय ठेका एजेंसी को आठ माह के अंदर निर्माण कार्य पूरा करना था। ओवरब्रिज का निर्माण चार साल देरी से चल रहा है। ओवरब्रिज निर्माण कार्य पूरा करने के लिए अधिकारी जल्द पूरा करने का दावा करते हैं। अधिकारी का कहना है कि हाइवे को ऊपर गर्डर चढ़ाने के लिए स्टील गर्डर आ गया है। चढ़ाने की तैयारी की जा रही है। एक या तीन से चार महीने के अंदर ओवरब्रिज का काम पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन जमीनी स्तर पर जिस तरह ओवरब्रिज का काम चल रहा है।
ओवरब्रिज का काम पूरा कर लिया गया है। नेशनल हाइवे पर गार्डर चढ़ाने और अंतिम रूप देने का काम शेष है, जल्द ही इसका भी काम पूरा कर लिया जाएगा।
- एसएस मांझी, अधीक्षण अभियंता रायपुर