छत्तीसगढ़

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नवजातों के लिए नई सुविधा

Nilmani Pal
16 May 2024 4:45 AM GMT
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नवजातों के लिए नई सुविधा
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कोरबा। जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डिलीवरी के बाद नहीं रोने वाले नवजात बच्चों की नई पद्धति से इलाज शुरू की गई है। 1 मई को जन्मे नवजात की रोने की आवाज न आने पर नवीन पद्धति से उपचार के कारण मासूम के रोने की गूंज अस्पताल में सुनाई दी। एसएनसीयू में मासूम का उपचार डॉक्टरों के देखरेख में करीब 13 दिनों तक चलता रहा, जिससे वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।

जानकारी के मुताबकि, उरगा क्षेत्र में रहने वाले राजेश चंद्राकर की पत्नी दीप्ति चंद्राकर को 1 मई प्रसव पीड़ा शुरू हो गया। राजेश चंद्राकर अपनी पत्नी को प्रसव के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे। ड्यूटी में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रसूता का सामान्य डिलीवरी तो करा लिया, लेकिन जन्म के पांच मिनट बाद भी मासूम के मुंह से आवाज नहीं निकली।

इसके बाद स्वास्थ्य कर्मी मासूम को तत्काल एसएनसीयू (नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई) लेकर पहुंचे, जहां मेडिकल कॉलेज में शिशु रोग विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. हेमा नामदेव ने मासूम को एसएनसीयू में भर्ती करते हुए गहनता से जांच की। इसके बाद अपनी टीम के साथ मासूम का लाखों रुपए कीमती अत्याधुनिक उपकरण का इस्तेमाल नवीन पद्धति से उपचार शुरू कर दिया।

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