छत्तीसगढ़

नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का पर्दाफाश, 4 गिरफ्तार

Nilmani Pal
10 Aug 2024 7:15 AM GMT
नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का पर्दाफाश, 4 गिरफ्तार
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मोहला-मानपुर mohalla-manpur। नक्सलियों के लेव्ही वसूलने के मनी ट्रेल का पर्दाफाश करते हुए मोहला-मानपुर पुलिस ने 5 नक्सल सहयोगियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों द्वारा एक करोड़ रुपए से अधिक का लेव्ही वसूलकर नक्सलियों को भेजे जाने का सबूत मिला है. लेव्ही वसूलने के साथ आरोपी नक्सलियों को सामानों की भी सप्लाई किया करते थे. Mohla-Manpur Police

chhattisgarh news आईजी दीपक झा ने प्रेस कांफ्रेंस में पकड़े गए आरोपियों को मीडिया के सामने पेश करने के साथ उनकी गतिविधियों का भी पर्दाफाश किया. पकड़े गए आरोपियों में मानपुर निवासी विवेक सिंह के अलावा बीजापुर जिले के चार अन्य नक्सल सहयोगी सोनाराम फरसा पिता स्व. पांडूराम फरसा (28 वर्ष), विजय जुर्री पिता स्व. संतूराम जुर्री (32 वर्ष), रामलाल करमा पिता तुपाराम करमा (35 वर्ष) और राजेंद्र कड़ती पिता स्व. बुगुर कड़ती (30 वर्ष) शामिल हैं.

थाना मदनवाड़ा अंतर्गत गिरफ्तार नक्सल सहयोगी सूरजू राम टेकाम के मामले की विवेचना क्रम में ज्ञात हुआ कि सुरजू राम टेकाम माओवादी संगठन के विचारधारा के प्रचार-प्रसार एवं शहरी नेटवर्क को आगे बढ़ाने के लिए लगातार शहरी क्षेत्रों में भ्रमण कर रहा था. भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी (माओवादी) संगठन द्वारा पर्दे के पीछे से प्रायोजित ऑपरेशन कगार, कार्पोरेटीकरण, सैनिकीकरण के विरोध में 23 मार्च 2024 को कार्यक्रम था, जिसमें सम्मिलित होने के लिए सूरजू राम टेकाम 22 मार्च को फ्लाइट के माध्यम से रायपुर से दिल्ली गया था. दिल्ली जाने के लिए फ्लाइट टिकट नक्सलियों के लेव्ही से प्राप्त रुपयों से सूरजू राम टेकाम एवं सौनाराम फरसा के लिए टिकट बुक कराई गई थी.

सोनाराम फरसा को सूरजू राम टेकाम के द्वारा सम्पर्क करके दिल्ली जाने के लिए फ्लाइट टिकट एवं यात्रा खर्च के लिए नक्सलियों के लेव्ही से प्राप्त रुपए में से कुछ पैसे भेजने के लिए बोला और साथ में चलने के लिए कहा. तब सोनाराम फरसा ने ठेकेदार से प्राप्त नक्सलियों के लेव्ही रुपए में से अपने खाते के माध्यम से सूरजू राम टेकाम के बताए खाते पर पैसे भेजा. तब सूरजू राम टेकाम ने उस अकाउंट से फ्लाइट टिकट बुक करने के लिए विवेक सिंह को पैसे भिजवाया. विवेक सिंह ने सूरजू राम टेकाम के कहने पर नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को लगातार अलग-अलग माध्यम से सहयोग कर रहा था, और एक-दूसरे से सम्पर्क में थे.


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