छत्तीसगढ़

नक्सलियों ने 2 बच्चों की मौत का जिम्मेदार पुलिस को बताया

Nilmani Pal
16 May 2024 4:22 AM GMT
नक्सलियों ने 2 बच्चों की मौत का जिम्मेदार पुलिस को बताया
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रायपुर। पीडिया मुठभेड़ और बोड़गा गांव में दो बच्चियों की मोर्टार सेल के विस्फोट से हुई मौत को लेकर कांग्रेस की जांच दल के गठन के बाद भाकपा (माओ) ने इसे सरकार का नरसंहार कहा है । इंद्रावती एरिया कमेटी ने बुध्दिजीवियो, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों से इन घटनाओं की निंदा कर जनांदोलन में सहयोग करने की अपील की है।

नक्सलियों ने क्या लिखा?

12 मई 2024 को दो मासूमी बच्चों की दर्दनाक मौत, पुलिस द्वारा दागी गई मोर्टर सेल विस्फोट से हुई । इस दर्दनाक मौत की जिम्मेदार केन्द्र-राज्य सरकारें का ही हैं, जनता पर नाजायज युध्द बंद करों । आदिवासी जनता पर बर्बर तरीके से जारी नरसंहारों को तुंरत बंद करो ।

मालूम है कि ठीक दो महिना पूर्व यानी 12 मार्च को बोड़गा गांव मे पुलिस बल, एसटीएफ, बस्तर फाईर्ट्स व डीआरजी बलों द्वारा जनता पर अंधाधुंध गोलीबारी की गयी थी। इसके साथ - साथ मोर्टर सेल्स भी दागी. इसमें ग्रामीण महिला ओयाम राजे गंभीर रूप से घायल हुई थी उस समय ओयाम राजे अपने घर परिवार वालों को खाना परोस रही थी तभी मोर्टर सेल्स पुलिस बलों द्वारा जनता पर अंधाधुंध दागा गया कुछ सेल्स विस्फोट हुआ बाकी आसपास के खेतों में गिरकर विस्फोट नहीं हुए, उन्ही में से एक मोर्टर सेल को खिलौना समझकर दो मासूम बच्चों ने हाथों में लेकर खेल रहे थे उसी समय में जबरदस्त विस्फोट हुआ, जिसमें दो मासूमी बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। जिनका नाम लक्ष्मण ओयाम, पिता मुन्ना ओयाम उम्र 13 वर्ष और बोटी ओयाम, पिता कमलु ओयाम उम्र 11 वर्ष जो की एक ही परिवार के बच्चे थे, बोड़गा गांववासी हैं। यह घटना 12 मई 2024 को दोपहर के समय घटी। पुलिस द्वारा की गई इस घटना को इन्द्रावती एरिया कमेटी कड़ी निंदा करती है। इस बोड़गा गांव से अब तक 3 जानें गयी। बीजापुर एसपी जितेन्द्र यादव हमेशा की तरह इस मौके को भी माओवादियों पर दुष्प्रचार करना नहीं छोड़ रहे हैं. कोई भी जनपक्षदार, बुद्धीजीवियों, सामाजिक कार्यकताओं, विपक्षी पार्टीयों के कार्यकर्ता इस घटना पर जनता में आके जांच करने के लिए हम आहवान करते हैं.

बस्तर टॉकीज के प्रमुख पत्रकार विकास तिवारी इस घटना पर एक स्टोरी बनाया था. उसमे स्पष्ट रूप सबुत के साथ कह रहे हैं. कि ये पुलिस द्वारा दागी गई सेल द्वारा ही ये मासूम बच्चों की मौत हुई. इस सबुत के आलावा और दूसरा कुछ नही हैं.

बस्तर संभाग में भी अलग-अलग क्षेत्रों में केन्द्र-राज्य सरकारों के आदेशों को पालन करते हुए पुलिस बलों द्वारा सूचना आधारित हमलें किए जा रहे हैं। इसमें ज्यादा से ज्यादा आदिवासी जनता ही मारे जा रहे हैं। जो कि निंदनीय हैं। इन हमलों को भी इंद्रावती एरिया कमेटी कड़ी से कड़ी निंदा करती हैं। 10 तारीख के दिन बीजापुर जिला, पीड़िया में 12 माओवादियों को मारने की पुलिस ने दावा कर रही हैं। लेकिन वो सब झूठ निकला साधारण ग्रामीणों पर नरसंहार चलाया।

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