छत्तीसगढ़

नक्सलियों ने की सरपंच के घर पर घुसकर लूट, इलाके में दहशत का माहौल

Shantanu Roy
12 Jun 2022 9:09 AM GMT
नक्सलियों ने की सरपंच के घर पर घुसकर लूट, इलाके में दहशत का माहौल
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दंतेवाड़ा। जिले के एक गांव में सरपंच के घर लूट की वारदात हो गई। बताया जा रहा है कि 10 से 15 नकाबपोश नक्सलियों की तरह काली वर्दी पहनकर घर में घुसे। वे लाल सलाम जिंदाबाद के नारे भी लगा रहे थे। उन्होंने सरपंच की पत्नी से पैसे लूट लिए। कितने पैसे लूटे गए हैं फिलहाल यह अभी स्पष्ट नहीं है। मामला जिले के कुआकोंडा थाना क्षेत्र का है।

जिले के नक्सल प्रभावित मोखपाल गांव के सरपंच विनोद सोरी के घर लूट की ये वारदात बुधवार देर रात हुई। सरपंच किसी काम से घर के बाहर थे, तभी पत्नी घर पर अकेली थी। इसी दौरान करीब 10-15 नकाबपोश हाथ में हथियारनुमा चीज लेकर घर में घुस गए। उन्होंने सरपंच की पत्नी को धमकाया और तिजोरी में रखे सारे पैसे निकाल लिए। फिर जंगल की ओर सभी चले गए। पत्नी ने फोन कर अपने पति को लूट की जानकारी दी थी।
हल्बारास गांव में भी हुई थी इसी तरह लूट
करीब सप्ताहभर पहले कुआकोंडा थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित हल्बारास गांव में भी एक घर में लूट की वारदात हुई थी। वहां भी इसी तरह काली वर्दी पहनकर रात के अंधेरे में एक घर में लूट की वारदात को अंजाम दिया गया। जिनके घर लूट हुई थी उन्होंने भी इस वारदात की जानकारी पुलिस को नहीं दी। बताया जा रहा है कि, काली वर्दी पहने 10 से 15 लोगों ने गांव के सचिव का भी पता पूछा था। नक्सलियों की दहशत की वजह से सरपंच ने पहले तो इस लूट की जानकारी पुलिस को नहीं दी।
फर्जी नक्सली होने का हुआ शक, तो पुलिस को की खबर
दो गांवों में एक जैसी लूट की वारदात होने पर गांव वालों को फर्जी नक्सली होने का शक हुआ। जिसके बाद सरपंच विनोद ने कुआकोंडा थाना में शनिवार शाम फोन कर लूट की जानकारी दी। कुआकोंडा थाना प्रभारी खोमन भंडारी ने बताया कि सरपंच को थाने बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं आए। पुलिस सरपंच के घर जाकर मामले की जांच करेगी। हल्बारास में भी लूट की खबर है, लेकिन कोई कुछ बता नहीं रहा है। FIR भी नहीं हुई है। लूट की वारदात को असली नक्सली अंजाम दे रहे हैं या फर्जी, यह जांच के बाद पता चलेगा।
टारगेट पर हैं सरपंच और सचिव
नक्सली बनकर सरपंच के घर में लूट करने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी जिले के झोड़ियाबाड़म गांव के सरपंच के घर में लूट हो चुकी है। वारदात के कई महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस आरोपियों को पकड़ने में नाकाम साबित हुई है।
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