जरवाय गौठान में गोबर से बनने लगा प्राकृतिक पेंट और पुट्टी
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की गांवों को स्वावलंबी और उत्पादक केन्द्र के रूप में विकसित करने की मंशा तेजी से मूर्तरूप लेने लगी है। सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में स्थापित गौठान अब ग्रामीणों के लिए रोजगार एवं आर्थिक आय का केन्द्र बनते जा रहे हैं। गौठानों में अब तक संचालित विविध प्रकार की आयमूलक गतिविधियों में एक और नया आयाम जुड़ गया है। गौठान से जुड़ी समूह की महिलाएं अब गोबर से प्राकृतिक पेंट और पुट्टी बनाने लगी हैं। इसकी शुरूआत राजधानी रायपुर के समीप स्थित हीरापुर जरवाय गौठान से हुई है। यहां समूह से जुड़ी 22 महिलाएं गोबर से प्राकृतिक पेंट एवं पुट्टी तैयार कर रही है। जिसका उपयोग भवनों के पोताई के लिए भी शुरू हो गया है। गोबर से तैयार यह प्राकृतिक पेंट की कीमत फिलहाल 230 रूपए प्रति लीटर है, जो मार्केट में कम्पनियों के पेंट के मूल्य से लगभग आधी है।