छत्तीसगढ़

नेशनल हाईवे 43 में जगह-जगह मौत के गड्ढे, अब चल रही लीपापोती

Nilmani Pal
13 Jun 2023 10:56 AM GMT
नेशनल हाईवे 43 में जगह-जगह मौत के गड्ढे, अब चल रही लीपापोती
x

रायपुर। राष्ट्रीय राज्यमार्ग 43 में निर्माण के एक साल में ही सड़क में बड़े बड़े दरार और गड्ढे हो गए हैं। टीबीसीएल कम्पनी इस राष्ट्रीय राज्यमार्ग की निर्माता कंपनी है। निर्माण के एक साल में ही कई जगह बड़े बड़े गड्ढे और दरार हो गए है जिसे केमिकल डाल कर भरा जा रहा है। निर्माण के समय ही सड़क पर दरार हो गए थे परंतु इस पर किसी ने ध्यान नही दिया। निर्माण समय ही दोयम दर्जे के निर्माण की शिकायत की गई थी। अब कम्पनी का भुगतान रुक हुआ है जिसे भुनाने के लिए दरारों और गड्ढों को केमिकल डाल कर भरा जा रहा है।

गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2016 को इस सड़क का टेंडर के बाद काम प्रारम्भ हुआ था।2 वर्ष के समय सीमा में कार्य पूर्ण करना था परन्तु नही हो सका।इस दरम्यान 4 ठेकेदार बदल गए।सबसे पहले GVR कम्पनी ने प्रारंभ किया था,कम्पनी के हाथ खड़े कर देने के बाद दिल्ली की पार्थ कम्पनी ने पेटी कांट्रेक्टर के दौर पर काम चालू किया।पार्थ भी काम नही कर सकी। सूरजपुर के एक ठेकेदार ने काम चालू किया परन्तु वह भी विफल रही। इस सब के बाद टीबीसीएल ने काम प्रारम्भ किया।एनएच के अधिकारियों ने कहा जैसे तैसे काम हो जाये तो हम सब बरी हो जाएं। एनएच के अधिकारियों की अकर्मण्यता का लाभ टीबीसीएल ने उठाया और दोयम दर्जे का काम करके अभी तक आधा अधूरा काम कर दिया।किये गए काम की गुणवत्ता निम्न है।जिससे सड़क पर बड़े बड़े दरार और गड्ढे हो गए हैं। राष्ट्रीय राज्यमार्ग 43 का कार्य जून 23 में पूर्ण होना था।परंतु अभी भी 35 से 40 प्रतिशत काम नही हुआ है।

4 साल का मेंटेनेंस है,परन्तु हैंड ओवर होने के बाद।अभी कहीं हैंडओवर नही हुआ है। 30 साल का ड्राइंग डिजाइन है। सब इंजीनियर नवीन सिन्हा ने कहा कि आवश्यकता के अनुसार सॉल्यूशन केमिकल का उपयोग किया जाता है।अभी NH को हैंड ओवर नही हुआ है।हैंड ओवर होने के बाद 4 साल का संधारण समय सीमा है।







Next Story