छत्तीसगढ़

राज्य सरकार की मदद से दिव्यांगता को अवसर में बदलती राष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाड़ी अनिता बघेल

HARRY
29 Aug 2021 11:20 AM GMT
राज्य सरकार की मदद से दिव्यांगता को अवसर में बदलती राष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाड़ी अनिता बघेल
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जांजगीर-चांपा। जिले की दिव्यांग बास्केटबॉल खिलाड़ी अनीता की प्रतिभा को निखारने छत्तीसगढ़ सरकार हरसंभव मदद कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनीता को अपने स्वेच्छानुदान मद से दो लाख रुपए की सहायता दी है वहीं विभिन्न योजनाओं के तहत अनीता को सतत रूप से लाभान्वित किया जा रहा है। दिव्यांगता अभिशाप नही, वरदान है वह ईश्वर द्वारा प्रदत्त सर्वोत्तम कृति है। इस वाक्य को जिले की दिव्यांग बेटी सुश्री अनिता बघेल ने सिद्ध कर रही है। सुश्री अनिता ने छत्तीसगढ़ राज्य के व्हील चेयर बास्केटबॉल महिला टीम का नेतृत्व करते हुए चतुर्थ राष्ट्रीय व्हीलचेयर बास्केटबॉल चैम्पीयनशीप (वर्ष 2017)हैदराबाद, पंचम राष्ट्रीय व्हीलचेयर बास्केटबॉल चैम्पीयनशीप( वर्ष 2018) तमीलनाडु एवं षष्ठम राष्ट्रीय व्हीलचेयर बास्केटबॉल चैम्पीयनशीप (वर्ष 2019) मोहाली में सहभागिता की है।

उप संचालक समाज कल्याण भावे ने बताया कि 05 वर्ष की आयु में ही बीमार पड़ने पर अनीता के दोनो पैर में अपंगता आ गयी। दोनो पैर से दिव्यांग होने के पश्चात वे अपनी दिव्यांगता को अवसर में बदलते हुए एम. एस. सी. (जूलॉजी), बी.एड., पीजीडीसीए की परीक्षा उत्तीर्ण कर एम.एड. द्वितीय सेमेस्टर में अध्ययनरत है पढ़ाई के साथ-साथ खेल में उनकी गहरी रूची है। छत्तीसगढ़ राज्य में दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर बास्केटबॉल प्रतियोगिता का प्रारंभ वर्ष 2017 में जिला राजनांदगांव के इंडोर बास्केटबॉल स्टेडियम में हुआ था। जिसमें अनिता ने अपनी संघर्षशीलता और जीवट प्रदर्शन से सभी को आकर्षित किया और उन्हें छत्तीसगढ़ व्हीलचेयर बास्केटबॉल के नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी गयी। अनीता ने राष्ट्रीय व्हील चेयर बास्केटबॉल चैम्पियनशीप में तीन बार सहभागिता की है।

कुमारी अनिता बघेल का जन्म किसान परिवार में जांजगीर-चांपा जिले की जनपद पंचायत जैजैपुर के ग्राम मुक्ता में हुआ। उनके 5 भाई एक 1 बहन है। वे बचपन से कुशाग्र बुद्धि होने के कारण पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में अव्वल रहीं हैं। बचपन से बैशाखी के सहारे से चलती हुई अनीता दृढ़ विश्वास के साथ अनवरत अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रही है।

उन्होंने अपनी शारीरीक कमजोरी को अपनी मज़बूरी नहीं बनाया बल्कि उसे अवसर में बदल लिया है। वह स्नाकोत्तर (जूलॉजी) एवं स्नाकोत्तर (शिक्षा) की उपाधि प्राप्त कर प्राध्यापक बनना चाहती है। अनीता की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने छत्तीसगढ़ शासन समाज कल्याण विभाग का महत्वपूर्ण सहयोग रहा है। समाज कल्याण विभाग द्वारा उन्हें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजनान्तर्गत 500 रूपये प्रतिमाह, निःशक्तजन शिक्षा प्रोत्साहन योजनान्तर्गत 6000 रुपये प्रतिवर्ष (स्नातक एवं स्नाकोत्तर कोर्स) के दौरान, आने- जाने के लिये मोटराईज्ड ट्रायसायकिल, शिक्षा ऋण में सहयोग तथा रोजगार के लिए उन्हें समाज कल्याण विभाग द्वारा अनुदानित वृद्धाश्रम में अवसर दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जांजगीर-चांपा जिला भ्रमण के दौरान युवाओं से चर्चा कार्यक्रम में अनिता को भी समाज कल्याण की ओर से दिव्यांग युवा प्रतिनिधि के रूप में सहभागी बनने का अवसर दिया गया था। तब संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा अनीता की खेल प्रतिभा को प्रोत्साहित करने उन्हें स्वेच्छानुदान मद से दो लाख रुपए देने की घोषणा की गई थी। यह राशि उनके खाते में अंतरित कर दी गई है।

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