छत्तीसगढ़

नरवा विकास से जल-जंगल और जैव विविधता के संरक्षण को मिली मजबूती

Nilmani Pal
11 Oct 2021 10:41 AM GMT
नरवा विकास से जल-जंगल और जैव विविधता के संरक्षण को मिली मजबूती
x

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वनांचल में राज्य शासन द्वारा चलाई जा रही नरवा विकास योजना से वनवासियों के उत्थान सहित वन संवर्धन के कार्यो को काफी मजबूती मिली है। साथ ही वनाश्रितों को आगे बढ़ने का बेहतर अवसर उपलब्ध हुआ है। वनक्षेत्रों में जल उपलब्धता की दृष्टि से नरवा विकास योजना वनवासियों के लिए संकटमोचक साबित होगी। इस योजना की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की जा रही है। मुख्यमंत्री बघेल आज राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैम्पा मद से नरवा विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 के लिए 392 करोड़ 26 लाख रूपए की स्वीकृत राशि के 37.99 लाख भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का भूमिपूजन के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इसके तहत राज्य के वनांचल स्थित एक हजार 962 नालों में भू-जल संरक्षण संबंधी विभिन्न संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। इससे क्षेत्र के 8 लाख 17 हजार हेक्टेयर भूमि उपचारित होगी।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नरवा विकास योजना शासन की एक महत्वपूर्ण योजना है, जो वनों के संरक्षण, भू-जल संवर्धन तथा जैव विविधता संरक्षण के साथ-साथ आदिवासियों, वनाश्रितों और किसानों के जीवन से सीधे जुड़ी हुई है। इस योजना के माध्यम से वनांचल में कृषि और वनोपज के उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में नरवा विकास योजना शुरू होने के बाद से अब तक बड़े पैमाने पर काम हो चुका है। यहां जल संरक्षण की दिशा में जो काम हो रहे हैं, इसकी सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। नरवा विकास कार्यक्रम के शुरूआती चरण में वर्ष 2020 में बिलासपुर और सूरजपुर जिले को नेशनल वॉटर अवार्ड से नवाजा जा चुका है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कोरोना संकट के समय नरवा विकास योजना भी वन क्षेत्रों के निवासियों के लिए बहुत मददगार साबित हुई। इस योजना के तहत बड़ी संख्या में वनवासियों को रोजगार मिलता रहा। आज नरवा विकास योजना के एक और चरण का शुभारंभ करते हुए मुझे काफी प्रसन्नता हो रही है। कार्यक्रम को वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री श्री बघेल के कुशल निर्देशन में वन विभाग द्वारा वनों के विकास के साथ-साथ वनाश्रितों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य शासन की महत्वाकांक्षी नरवा विकास योजना के तहत वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं के निर्माण से वनांचल के 20 लाख हेक्टेयर भूमि उपचारित होगी। इस अवसर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने भी सम्बोधित करते हुए वनांचल में संचालित नरवा विकास योजना की सराहना की। कार्यक्रम में उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुकमा से जुड़े हुए थे।

गौरतलब है कि नरवा विकास योजना के तहत कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 के लिए 392 करोड़ 26 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की गई है। इसके अंतर्गत राज्य में 24 जिलों के 30 क्षेत्रीय वन मंडलो , 02 राष्ट्रीय उद्यानों, 02 टायगर रिजर्व, 01 सामाजिक वानिकी और 01 एलीफेंट रिजर्व में 01 हजार 962 नालों के 8.17 लाख हेक्टेयर जल ग्रहण क्षेत्र में 37 लाख 99 हजार 26 संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा।

Next Story