छत्तीसगढ़

जीवन सुधारने और जीवन स्तर उठाने नारी शक्ति ने थामा ई-रिक्शा

Nilmani Pal
4 Dec 2021 6:13 AM GMT
जीवन सुधारने और जीवन स्तर उठाने नारी शक्ति ने थामा ई-रिक्शा
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  1. ई-रिक्शा ने महिलाओं के जीवन में शक्ति का नया संचार किया
  2. महिलाएं पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जिम्मेदारी बखूबी निभा रही

रायपुर। जिंदगी के जद्दोजहद में पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मिलाकर घर परिवार की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है। ई-रिक्शा ने महिलाओं के जीवन में शक्ति का नया संचार किया है। महिलाओं ने अबला होने के मिथक को तोड़कर सबला बनकर अपने परिवार में मुख्य भूमिका निभाने के साथ पति को भी मेहनत के रास्ते पर लाकर घर की आर्थिक स्थिति दोनों मिलकर मजबूत कर रहे है । भले ही महिलाएं कम पढ़ी लिखी हो पर वे अपने बच्चों को इग्ंिलश मिडियम स्कूल में पढ़ाकर उनके जीवन की बुनियाद को मजबूत बनाने में संकल्पित है। पुरुष प्रधान देश में नारी शक्ति मौजूदा दौर में हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। कुछ काम जैसे ऑटो या ई-रिक्शा चलाना सिर्फ पुरुषों के बस की बात मानी जाती थी, लेकिन नारी शक्ति ने बता दिया कि वे भी पुरुषों से कम नहीं हैं। ई-रिक्शा से लेकर ट्रेन और हवाई जहाज तक आज महिलाएं चला रही है। उन सबको आदर्श और उनसे प्रेरणा लेकर अन्य शहरों की भांति रायपुर में भी महिलाओं ने ई-रिक्शा जरिए आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में कदम बढ़ा रही हैं और अपने काम को बखूबी अन्जाम भी दे रही हैं। सम्मान से जिंदगी जीने और बच्चों को अफसर बनाने लिए राजधानी की महिला मठपुरैना निवासी मंजू तांडी ने ई-रिक्शा चलाना शुरू कर दिया। महिलाओं के ई-रिक्शा चलाने की शुरुआत कर वे अपने घर वालों का पालन पोषण तो कर ही रही है बल्कि शहर की अन्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए रास्ता भी दिखा रही हैं। मजे की बात ये है कि राजधानी की महिलाओं को ई -रिक्शा चलाते देखकर ग्रामीण अंचल की महिलाएं भी ई-रिक्शा चला रही हैं। अब तो सरकार की मदद से इन्हे बैंक से भी लोन मिलने लगा है। शुरू-शुरू में तो लोग कौतूहल से देखते थे और आश्चर्य भी करते थे कि एक महिला ऑटो कैसे चला रही है। लेकिन धीरे धीरे लोग सामान्य हो गए। और लोगों ने उनके इस हौसले को सलाम भी करने लगे। महिला ऑटो चालक होने से महिलायें भी उनकी ऑटो में बैठना पसंद करने लगीं। जी हां, वे हैं मठपुरैना निवासी मंजू तांडी। मंजू के इस काम में उनके पति भी सहयोग करते है सुबह मंजू ई ऑटो लेकर निकल पड़ती हैं शहर में और दोपहर को घर लौटती हैं फिर दोपहर बाद उनके पति ऑटो चलाते हैं। मंजू तांडी से बात करने पर वे बताती हैं कि उनके घर में तीन लड़के है। बड़ा लड़का कालेज में पढ़ता है और दो लड़के स्कूल की पढ़ाई कर रहे हैं। शुरू में ऑटो चालन जरूर अटपटा लगा, लेकिन अब ठीक लग रहा है। वे आज शहर की सड़कों पर यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचा रही हैं। ई ऑटो के बारे में मंजू का कहना है कि यह पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करता। मंजू कहती हैं-बच्चों को अफसर जो बनाना है और मंहगाई को देखते हुए एक आदमी के ही काम करने से घर का खर्चा चलना मुश्किल होता है। अब ऐसी कोई परेशानी नहीं होती। जानकारी के मुताबिक शहर में कई महिलाएं रोजगार के इस नए विकल्प में हाथ आजमा रही हैं।

दोनों तरह के कमेंट्स मिले मुझे

मंजू बताती हैं कि कुछ लोगों को मैंने यह कहते हुए सुना- महिला होकर ऑटो चला रही है। कुछ ने कहा, मैडम ये आपके बस की बात नहीं, कुछ कहते हैं, हमें आप पर गर्व है। खूब तरक्की करो, प्रेरणा बनो। खासकर महिलाएं काफी खुश होती हैं और उन पर गर्व करती हैं कि अगर इंसान ठान ले तो कोई भी काम कठिन नहीं है।

ऑटो वाले तक रुक-रुककर देते थे बधाई

कालीबाड़ी चौक पर जनता से रिश्ता के प्रतिनिधि जब ई-रिक्शा चालक महिलाओं से बात कर रहे थे तभी कुछ ऑटो वाले रुके, वे जनता से रिश्ता प्रतिनिधि के पास पहुंचे और बधाइयां देते हुए कहा कि आप अख़बार वाले ऐसी महिलाओं की हौसला अफजाई कर रहे हैं यह कबीले तारीफ है। हम सब आपके इस प्रयास में साथ हैं। वहां से गुजरने वाले सभी लोगों ने ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमें ऐसी महिलाओं पर गर्व है। मंजू कहती हैं कि मैं कोई बड़ा काम नहीं कर रही हूं। सबके आशीर्वाद, बधाइयों से मेरा हौसला बढ़ा है। मंजू की बातों से हर कोई प्रेरणा ले सकता है, कभी गलत बातों का समर्थन नहीं करना, समझौता नहीं करना। हौसला कभी न हारना। कोई भी काम छोटा, बड़ा नहीं होता। जो काम पुरुष कर सकते हैं, वह महिलाएं भीं।

बेहतरीन काम कर रही है भूपेश सरकार, बधाई...

भूपेश सरकार की तारीफ करते हुए मंजू तांड़ी ने कहा कि सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। महिलाओं को प्रोत्साहित करने में कांग्रेस सरकार ने आत्मनिर्भर बनाने के सभी रास्ते खोल दिए है। मंजू तांड़ी ने सरकार के नशा विरोधी कार्रवाई की जमकर सराहना करते हुए कहाकि बच्चों को बिगडऩे से बचाने के लिए भूपेश सरकार और प्रशासन लगातार नशीले पदार्थ बेचने वालों पर कार्रवाई कर रही जिससे नशे के कारोबार करने वालों में हड़कंप मच गया है, वे भागे-भागे फिर रहे है। मंजू तांडी बीएसयूपी कालोनी भाटागांव मठपुरैना फे स-टू स्थित चंड़ी मंदिर समिति से भी जुड़ी है, गृहणी होने के साथ धार्मिक और सामाजिक कार्यो में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेती है।

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