नारायणपुर। कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने आज कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में समय सीमा की बैठक ली। उन्होंने कहा कि जिले में खराब सड़क का मरम्मत एवं संधारण कार्य को तत्काल पूर्ण करें। अधिकारीगण भ्रमण के दौरान उक्त सड़कों का निरीक्षण करें तथा पैच रिपेयरिंग या अन्य मरम्मत की आवश्यकता हो तो तदसम्बंध मे रिपोर्ट अपर कलेक्टर को देवें। कलेक्टर ने कहा कि सड़क निर्माण एजेंसियों की सड़क वर्तमान में परफॉर्मेंस गारण्टी में है, उन सड़को की रिपेरिंग तत्काल कराएं। उन्होंने कहा कि जिले में कुपोषण की समस्या को दूर करने हेतु हर संभव उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं। कुपोषित बच्चों को तत्काल पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती करें और जंहा पोषण पुनर्वास केंद्र नही है वहां स्वास्थ्य केंद्रों में भी बच्चों को रखना सुनिश्चित करें। कलेक्टर श्री रघुवंशी ने आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित समय सीमा की बैठक में जिला स्तरीय अधिकारियों को उक्ताशय के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री देवेश कुमार ध्रुव, अपर कलेक्टर श्री अभिशेक गुप्ता, एसडीएम नारायणपुर श्री जितेंद्र कुर्रे, एसडीएम ओरछा प्रदीप वैद्य, डिप्टी कलेक्टर सुमित गर्ग, रामसिंह सोरी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग संजय चंदेल, उपसंचालक कृषि बी एस बघेल के अलावा जिला स्तरिय अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने फसल कटाई प्रयोग के कार्य की समीक्षा करते हुए इस कार्य को पूरी सावधानी से त्रुटिरहित ढंग से पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने जिले मंे आयोजित मुख्यमंत्री भेंट-मुलाकात कार्यक्रम एवं कलेक्टर जनदर्शन के प्रकरणों की निराकरण की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने सभी प्रकरणों का गुणवत्तायुक्त निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश विभाग प्रमुखों को दिए। बैठक में कलेक्टर श्री रघुवंशी ने जिले में चल रही धान खरीदी की प्रगति की भी जानकारी ली और अधिकारियों को निर्देशित किया कि धान खरीदी केन्द्रों में धान विक्रय करने के लिए आने वाले किसानों को बेहतर सुविधायें उपलब्ध करायें। इसके साथ ही उन्होंने बैठक में स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण पत्र, मसाहती ग्रामों के सर्वेक्षण, राजस्व, नामांकन, बटांकन, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, वनाधिकार पत्र एवं पुस्तिका वितरण, देवगुड़ी निर्माण, धनवंतरी मेडिकल स्टोर्स, शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, आंगनबाड़ी भवन निर्माण, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना के साथ ही पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन विभाग, लोक निर्माण, शिक्षा सहित अन्य विभागों के समय सीमा के लंबित प्रकरणों की बारी-बारी से समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।