हत्या के आरोपी को मिली आजीवन कारावास की सजा, ढाई साल पहले उतारा मौत के घाट
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मनेन्द्रगढ़। करीब ढाई वर्ष पुराने हत्या के एक मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मनेंद्रगढ़ मानवेंद्र सिंह की अदालत ने आरोपी को दोषसिद्ध पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 15 जनवरी 2019 को राजेंद्र उर्फ राजा सिंह द्वारा थाना केल्हारी में सूचना दी गई कि उसके पिता सामान लेने जा रहा हूं, कहकर घर से निकले थे। शाम लगभग साढ़े 7 बजे किसी व्यक्ति द्वारा परवेज के मोबाइल पर बताया गया कि उसके पिता दशरथ, धर्मपाल के घर के पास अचेत पड़े हुए हैं। वह अपने जीजा पुष्पराज के साथ जाकर देखा उसके पिता जमीन पर पड़े थे।
मुंह से खून निकला था तथा दाहिने पैर में जलने का निशान था। धर्मपाल के घर के अंदर जाकर देखा तो आंगन में बनी झोपड़ी में आग जल रही थी तथा खून गिरा हुआ था। धर्मपाल के घर में शुभलाल व बल्लू भी थे। वह अपने पिता को घर लाया उसके पिता उंगली दिखाकर मारपीट व गला दबाने का इशारा कर रहे थे, बोल नहीं पा रहे थे। 15 जनवरी 2019 को 4 बजे उनकी मौत हो गई। धर्मपाल, शुभलाल एवं बल्लू के द्वारा दशरथ सिंह की हत्या किए जाने का संदेह व्यक्त किया गया। सूचना पर थाना केल्हारी में मर्ग कायम कर जांच में लिया गया।
मर्ग जांच उपरांत 15 जनवरी 2019 को केल्हारी थानांतर्गत धर्मपाल, शुभलाल एवं बल्लू के विरूद्ध हत्या का अपराध दर्ज किया गया। 16 जनवरी को ग्राम डोडक़ी में धर्मपाल व शुभलाल से साक्षियों के समक्ष पुलिस द्वारा पूछताछ किए जाने पर उनके द्वारा दशरथ के साथ मारपीट करना व साफी से गला दबाना स्वीकार किया गया। विवेचना पूर्ण होने पर 10 अप्रैल 2019 को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मनेंद्रगढ़ के समक्ष अभियोग पत्र पेश किया गया।
न्यायाधीश ने आरोपी केल्हारी थानांतर्गत ग्राम बडक़ाटोला चरवाही निवासी 40 वर्षीय शुभलाल को दोषसिद्ध पाए जाने पर धारा 302 के तहत आजीवन कारावास एवं 100 रूपए के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड की राशि अदा नहीं किए जाने पर आरोपी को 1 माह का कठोर कारावास पृथक से भुगतना होगा। अभियोजक की ओर से मामले की पैरवी अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता कैलाश विश्वकर्मा ने की।