छत्तीसगढ़

दुर्ग पहुंचे मुनि वृंद, सकल जैन समाज ने किया स्वागत

Nilmani Pal
3 Jun 2023 9:52 AM GMT
दुर्ग पहुंचे मुनि वृंद, सकल जैन समाज ने किया स्वागत
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दुर्ग। दुर्ग आज अपने आराध्य गुरु भगवंतो स्वागत अभिनंदन के लिए दुर्ग ही नहीं छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों से प्रवेश पर आगवानी करने बड़ी संख्या में गुरु भक्त परिवार विशेष रूप से उपस्थित थे. सेक्टर1से विहार करते हुए विराग मुनि अपने गुरु भगवंतो के साथ जैन दादाबाड़ी मंदिर में दर्शन करते हुए लगभग 8:00 के करीब पटेल चौक पहुंचे इधर श्रमण संघ के उपाध्याय प्रवर श्री प्रवीण ऋषि जी श्री तीर्थेश ऋषि जी पुलगांव चौक के रास्ते से गंजपारा स्थित जय आनंद मधुकर रतन भवन पहुंचे धार्मिक क्रिया संपन्न कर उपाध्याय प्रवर स्वयं विराग मुनि की अगवानी करने जैन समाज के सदस्यों के साथ पटेल चौक के रास्ते आगे बढ़कर के संत विनय कुशल मुनि जी एवं विराग मुनि जी महाराज का आध्यात्मिक मंगल मिलन हुआ इस अवसर पर सामायिक स्वाध्याय के प्रबल प्रेरक पूज्य गुरुदेव शीतल राज जी महाराज भी तप साधक श्री विराग मुनि की अनुमोदना करने स्वयं भी पटेल चौक पहुंचे।

आज पटेल चौक में भव्य आध्यात्मिक वातावरण के बीच तीन जैन संतों का मंगल मिलन हुआ और विराट मुनि ने संत मुनि महाराज को वंदन नमन करते हुए इस तपस्या में आगे बढ़ने हेतु गुरु भगवंतो सेआशीर्वाद प्राप्त किया। जय आनंद मधुकर रतन भवन की धर्म सभा को संबोधित करते हुए उपाध्याय प्रवर श्री प्रवीण ऋषि जी ने कहा इतने बड़े तप की अनुमोदना करने का वह भी आपके सानिध्य में रहकर तप अनुमोदना का सौभाग्य आज मुझे प्राप्त हुआ है जो मैं इस अमिट यादों को जीवन पर्यंत अपने स्मृति पटल पर सदैव याद रखूंगा उन्होंने कहा विराग मुनि जी की तपस्या का अभिग्रह शीघ्र पूर्ण हो वीर प्रभु परमात्मा मंगल कामना करता हूं

तप चक्रवर्ती विराग मुनि जी ने जय आनंद मधुकर रतन भवन की धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा गुरु भगवन तो की विशेष अनुकंपा एवं जिन शासन परमात्मा की दिव्य कृपा से आज मैं 140 उपवास की तपस्या निर्विघ्नं संपन्नता की ओर है और आगे भी उनकी कृपा दृष्टि से यह तपस्या सुख साता पूर्वक आगे चलती रहेगी ऐसी वीर प्रभु परमात्मा से प्रार्थना करता हूं

विराग मुनि ने जैन एकता पर बल देते हुए कहा वैसे ही हम बहुत ही कम संख्या में हैं और उसमें भी हम अलग-अलग धर्म पंथ संप्रदाय में बट कर रहे गए हैं हमें एक होने की आवश्यकता है और इस विषय पर संघ एकता के लिए जो भी पुरुषार्थ मुझे करना होगा इसके लिए मैं सहर्ष तैयार हूं अधिक से अधिक लोग जिन शासन की सेवा में तन मन धन से जुड़े ऐसा मैं विश्वास करता हूं।

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