आदिवासी आरक्षण के मसले पर भाजपा अब रण के मूड में है। शनिवार को पार्टी के बड़े नेता इसी मुद्दे पर सड़क पर उतरेंगे। भाजपा नेताओं की राजभवन जाकर इस मसले पर राज्यपाल से मिलने की तैयारी है। इसे लेकर रणनीति बनाने शुक्रवार की शाम कोर ग्रुप की बैठकर रखी गई थी। बैठक में अजय जामवाल, डॉ रमन, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, सांसद सरोज पांडे समेत बड़े नेता शामिल हुए।
बैठक के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा- कांग्रेस की लापरवाही से आदिवासियों के आरक्षण में कटौती हुई। इसके विरोध में भाजपा लगातार पूरी ताकत से विरोध कर रही है। अब हम 15 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे पैदल मार्च निकालेंगे। भाजपा के सभी विधायक ,सभी सांसद पूर्व विधायक ,पूर्व सांसद भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता पैदल मार्च करते हुए राजभवन जाएंगे और राज्यपाल से आरक्षण मामले में मुलाकात कर ज्ञापन सौंपेंगे।
इस वजह से मचा है बवाल
बिलासपुर हाईकोर्ट ने आदिवासियों के आरक्षण को घटा दिया है। पहले राज्य में 32 प्रतिशत आरक्षण था, जिसे 20 प्रतिशत कर दिया गया है। इसलिए आदिवासी समाज नाराज है और भाजपा इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में है। भाजपा ने आरोेप लगाया कि प्रदेश ऐसा राज्य बन गया, जहां किसी समुदाय से उनका आरक्षण छीना गया हो। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण पर कहा है कि आदिवासियों को उनका अधिकार मिलकर रहेगा, हमारी सरकार हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट गई है।
पिछले सप्ताह किया था हाइवे जाम
छत्तीसगढ़ में आरक्षण के मसले पर बीते शनिवार दोपहर से अलग-अलग क्षेत्रों में हाईवे पर भाजपा ने चक्काजाम कर अपना विरोध जताया था। बीजेपी के इस प्रदर्शन से हाईवे पर आने-जाने वाले लोग काफी परेशानी होते रहे। कोंडागांव में भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप, पूर्व मंत्री लता उसेंडी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में भाजपा नेता सड़कों पर बैठकर प्रदर्शन किया था। करीब दो घंटे तक हाईवे जाम रहा था। ये प्रदर्शन सरगुजा, दुर्ग और बस्तर संभाग में किया गया था।