सांसद विजय बघेल ने प्रख्यात कलाकार और साहित्यकारों को राष्ट्रीय पुरस्कार से किया सम्मानित
भिलाई। सांसद विजय बघेल ने अपने निवास स्थान में छत्तीसगढ़ के प्रख्यात कलाकार एवं साहित्यकारों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। कलापुरोधा एवं साहित्यपुरोधा-2023 का यह राष्ट्रीय सम्मान ललित कला अकादमी ;संस्कृति मंत्रालयद्ध, नई दिल्ली, भारत सरकार के सदस्य की ओर से बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में प्रदान किया गया है। अंचल के वरिष्ठ एवं ख्यात साधकों के सम्मानित होने पर स्थानीय कलाजगत मंे हर्ष व्याप्त है।
राष्ट्रीय सम्मान समारोह के दौरान मुख्य अतिथि विजय बघेल ने कहा कि महान प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी बाजपेयी भी एक कवि एवं साहित्यकार थे। जिन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य की रचना की है तथा देश के विकास में अप्रतिम योगदान दिया। उन्होंने आजादी के दौरान भी साहित्यकारों तथा कलाकारों के महती भूमिका की सराहना की। इस दौरान वरिष्ठ संगीतकार सुधाकर शेवलीकर, कीर्ति माधव व्यास तथा लता मंगेश्कर से गीत गवाने वाले इकलौते छत्तीसगढि़या संगीतकार मदन शर्मा, रजनी रजक (राष्ट्रपति पुरस्कृत), दुष्यंत हरमुख, सुप्रसिद्ध चित्रकार हरीसेन, शत्रुघन स्वर्णकार, बी.एल. सोनी, ब्रजेश तिवारी, जी.के. निर्मलकर (महासमुंद), राजेन्द्र सुनगरिया, मनीष ताम्रकार, प्रवीण कालमेघ, उमाकांत ठाकुर, रुपा साहू को कलापुरोधा सम्मान से नवाजा गया। वहीं साहित्यपुरोधा सम्मान सुविख्यात साहित्यकार दुर्गा प्रसाद पारकर, आचार्य महेशचंद्र शर्मा, डॉ. शिवनारायण देवांगन (आस), भावना पाण्डेय, मो. जाकिर हुसैन, घनश्याम पारकर (दल्ली राजहरा) तथा मेनका वर्मा को दिया गया। अपने व्याख्यान में विद्वजन आचार्य महेशचंद्र शर्मा ने भारतीय कला और साहित्य की पौराणिक व्याख्या करके दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं मदन शर्मा ने महान गायिका लता मंगेश्कर के साथ अपने स्वरचित छत्तीसगढ़ी गीत गायन के बारे में संस्मरण सुनाकर सबको अचंभित कर दिया। हाजी एम.एच. सिद्दिेकी ने अपने द्वारा बनाए गए सर्वधर्म मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारों की नवीनतम वास्तुकला पर प्रकाश डाला तो कवि घनश्याम पारकर ने छत्तीसगढि़या कविता सुनाकर दर्शकों को भावविभोर कर दिया।