छत्तीसगढ़

MP Brijmohan Agarwal 4 बजे विधायक पद से देंगे इस्तीफा

Shantanu Roy
17 Jun 2024 10:00 AM GMT
MP Brijmohan Agarwal 4 बजे विधायक पद से देंगे इस्तीफा
x
छग
Raipur. रायपुर। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल BJP MLA Brijmohan Agarwal आज दोपहर 4:00 बजे विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह जी के मौलश्री स्थित निवास कार्यालय में विधानसभा सदस्यता से अपना इस्तीफा देने जाएंगे। लोकसभा के चुनाव में इस बार भाजपा पार्टी ने रायपुर से बृजमोहन अग्रवाल को लोकसभा का चुनाव लड़वाया था। बता दें कि इस बार के चुनाव में उन्हें रिकॉर्ड मतों से जीत मिली थी। वहीं इसी कड़ी में रायपुर दक्षिण के विधायक बृजमोहन अग्रवाल अपने विधायक पद से आज दोपहर 4 बजे इस्तीफा देने वाले हैं। दरअसल 24 जून को लोकसभा सत्र शुरू हो रही हैं। जिसमें सांसद पद की शपथ लेने से पहले उन्हें अपने विधायक के पद से इस्तीफा देन पड़ता हैं।

लोकसभा चुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल MLA Brijmohan Agarwal आज जनता का आभार व्यक्त करने उनके बीच गए। शनिवार को आरंग, नयापारा, अभनपुर, केंद्री में विजय आभार रैली निकाली। इस दौरान अपने प्यार सांसद की झलक पाने और उनसे मिलने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। आमजन के साथ ही विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और व्यापारिक संगठनों ने जगह-जगह सांसद बृजमोहन अग्रवाल का भव्य स्वागत किया। बृजमोहन अग्रवाल के आगमन पर लोगों ने आतिशबाजी और पुष्प वर्षा की। कई स्थानों पर श्री बृजमोहन अग्रवाल को फलों और लड्डुओं से तौला गया।

बृजमोहन अग्रवाल ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत जनता के प्यार और आशीर्वाद का परिणाम है। यह मोदी जी की गारंटी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन का नतीजा है। जिस पर क्षेत्र की जनता ने मोहर लगाई और एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड मतों से जीत दिलाई है। यह जनता के विश्वास का ही परिणाम है कि इस जीत ने रायपुर का नाम देश भर में रोशन किया है। बृजमोहन अग्रवाल ने अपनी जीत का श्रेय भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं को भी दिया उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की लगन और कठिन परिश्रम के कारण ही आज रायपुर की जीत देश की 10 सबसे बड़ी जीतों में शामिल हो सकी। आरंग में बृजमोहन अग्रवाल की आभार रैली तिगइडा चौक (लक्ष्मी विहार कॉलोनी) से प्रारंभ होकर- - सुमन कॉलोनी-श्रीराम फ्युल्स-कर्मा माता भवन-सतनाम भवन-रविदास नगर (इंदिरा चौक) ओम ट्रेडर्स-हरदेवलाल बाबा चौक बस स्टैंड-नेताजी चौक होते हुए विधायक कार्यालय पर समाप्त हुई।

वहीं नयापारा में चम्पारण चौक - नयापारा बस स्टैण्ड, दीनदयाल उपाध्याय चौक - गंज रोड, नेहरू घाट, सदर रोड होते हुए दीनदयाल उपाध्या चौक पर समापन हुआ। अभनपुर में कठिया मोड़, बस स्टैण्ड, धमतरी रोड,अभनपुर थाना अभनपुर बस्ती के साथ ही केन्द्री में भी विजय आभार रैली निकाली गई। इस रैली में सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, विधायक इंद्रजीत साहू अशोक बजाज, श्याम नारंग, देव जी भाई पटेल, संजय ढीढ़ी, किरन बघेल, छोटे लाल, मोहन एंटी, अकबर अली, राजा तंबोली समेत हजारों की संख्या में भाजपा के वरिष्ठजन, कार्यकर्ता और स्थानीय लोग शामिल हुए।

छत्तीसगढ़ के जननायक...बृजमोहन अग्रवाल MLA Brijmohan Agarwal
इस लोकसभा चुनाव में कई तरह की चर्चाएं हो रही है। कौन जीतेगा कौन हारेगा यह तो आम चर्चा है। मगर यहां छत्तीसगढ़ में इन चर्चाओं के अलावा एक खास व्यक्ति विशेष चर्चाओं के केंद्र बिंदु में है वह हैं बृजमोहन अग्रवाल। जी हां वही बृजमोहन अग्रवाल MLA Brijmohan Agarwal जो रायपुर से लगातार आठ बार विधायक रहे और पिछले 35 सालों से एक जनप्रतिनिधि के रूप में जनता की सेवा में डटे हुए हैं। 1990 में महज 30 साल की उम्र में अभिभाजित मध्य प्रदेश की सुंदरलाल पटवा सरकार में मंत्री स्वतंत्र प्रभार की भूमिका से लेकर अब तक छत्तीसगढ़ की राजनीतिक क्षितिज में विराजित होने के साथ ही लोगों के हृदय में भी वे बसे हुए है। इस बार लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जीत के साथ-साथ बृजमोहन अग्रवाल रायपुर के नए सांसद के रूप में लोकसभा में शामिल हुए है। रायपुर लोकसभा में बृजमोहन अग्रवाल को देश में सबसे ज्यादा वोटो से जीत मिली है।

दलगत राजनीति से ऊपर छवि का फायदा
बृजमोहन अग्रवाल की पृष्ठभूमि आरएसएस की है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की छात्र राजनीति से राजनीति की शुरुआत हुई। उसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा यानी भाजपा से जुड़कर जनता के बीच कार्य किया। परंतु अपने इस सफर में बृजमोहन अग्रवाल ने सिर्फ मुद्दों की राजनीति की और जनहित को सर्वोपरि रखा। यहां पर सबसे बड़ी बात यह है कि उन्होंने राजनीति के चक्कर में किसी से व्यक्तिगत लड़ाई नहीं लड़ी। मुद्दों पर कांग्रेस के खिलाफ वे सबसे ज्यादा मुखर रहे और आज भी रहते हैं। परंतु व्यक्तिगत संबंधों की बात हो तो बृजमोहन अग्रवाल से अच्छा दोस्त किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को कभी नहीं मिल सकता है। आपको पता ही है कि बृजमोहन अग्रवाल ने 1989 से लेकर अब तक लगातार आठ विधानसभा चुनाव लडे और जीते हैं। और उन चुनावों में जितने भी उनके विरोधी प्रत्याशी रहे उनसे उनकी अच्छी मित्रता हो गई जो आज तक कायम है।
हमने देखा है कि राजनीति में लोग व्यक्तिगत दुश्मनी कर बैठते हैं। परंतु यहां पर पूरा मामला ही उलट है। जो भी बृजमोहन अग्रवाल का विरोधी होता है वह आने वाले कल में उनका मुरीद हो जाता है। छत्तीसगढ़ में ऐसा पहला राजनीतिक व्यक्ति देखा है जिनकी किसी से भी बोलचाल बंद नहीं है। यहां पर एक और बात का जिक्र करना जरूरी हो जाता है कि आमतौर पर नेता अपने विरोधी दल के नेता से सार्वजनिक रूप से मिलने में कतराते हैं। परंतु बृजमोहन जी के साथ ऐसा नहीं है। कहीं कोई विरोधी नेता मिल जाए तो हाथ पकड़ कर उनके साथ चाय पीने भी बैठ जाते हैं। उन्हें इस बात की परवाह नहीं रहती की कौन इसे किस रूप में लेगा या क्या मतलब निकालेगा, षडयंत्र या साठगांठ कहेगा। असल में बृजमोहन अग्रवाल संबंधों में जीते हैं। जो उनकी बड़ी ताकत है। यही वजह है कि हर चुनाव की तरह इस लोकसभा चुनाव में अपनी अपनी राजनीतिक विचारधाराओं से ऊपर उठकर लोगों ने उन्हें सहयोग किया है।

हर समाज को अपना सा लगते हैं बृजमोहन
अपने 35 साल के राजनीतिक कार्यकाल में बृजमोहन अग्रवाल ने कभी भी जाति और धर्म की राजनीति नहीं की। सिर्फ और सिर्फ क्षेत्र के विकास और जनहित के मुद्दों पर अपना फोकस रखा। हर धर्म हर समाज का गरीब आदमी मुख्य धारा से जुड़कर तरक्की की राह पर आगे बढ़े। उसका जीवन स्तर ऊंचा उठे यही प्रयास हमेशा से उनका रहा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सबसे ज्यादा सामुदायिक भवन अपनी विधायक निधि से विभिन्न समाजों के लिए बनवाए हैं। जहां उनका प्रयास रहता है कि सामाजिक क्रियाकलापों के अलावा लोगों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित हो ताकि आर्थिक उन्नति की दिशा में भी बड़ा जा सके।
ऐसे ही अपनत्व भाव के कार्यों की वजह से ही छत्तीसगढ़ में कुर्मी, तेली, सतनामी,आदिवासी, ब्राह्मण बनिया,सिंधी, पंजाबी अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के लोगों के बीच बृजमोहन अग्रवाल की छवि एक अच्छी पारिवारिक सी है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में किसी भी समाज का अधिवेशन या कार्यक्रम हो और बृजमोहन अग्रवाल उसमें बतौर अतिथि न पहुंचे ऐसा हो नहीं सकता। क्योंकि उन सामाजिक लोगों की पहली पसंद उनके बृजमोहन भैया ही है। मैने तो कार्यक्रमों में प्रत्यक्ष देखा है कि समाजों के कर्ताधर्ता पूरे अधिकार और जिम्मेदारी के साथ बृजमोहन जी को अपने समाजहित का काम सौपते है।उन्हें पता है कि बृजमोहन जी को कोई काम सौंपा मतलब पूर्णतः की गारंटी है।
Tagsबृजमोहन अग्रवाल ने इस्तीफा दियाबृजमोहन अग्रवाल इस्तीफाबृजमोहन अग्रवालबृजमोहन का विधायक पद से इस्तीफाबृजमोहन अग्रवाल दिया इस्तीफाबृजमोहन अग्रवाल विधायक से इस्तीफाविधायक बृजमोहन का इस्तीफाBrijmohan Agarwal resignedBrijmohan Agarwal resignsBrijmohan AgarwalBrijmohan resigns from the post of MLAMLA Brijmohan's resignationविधायक बृजमोहन अग्रवाल का इस्तीफाएमएलए बृजमोहन का इस्तीफाएमएलए रिजाइनबृजमोहन अग्रवाल रिजाइन फ्रॉम असेंबलीरायपुर एमएलए रिज़ाइनरायपुर एमएलए बृजमोहन अग्रवाल रिज़ाइनबीजेपी एमएलए रिज़ाइनछत्तीसग्रह बीजेपी एमएलए रिज़ाइनएमएलए बृजमोहन दिया इस्तीफाबृजमोहन अग्रवाल ने दिया इस्तीफारमन सिंह को दिया इस्तीफाशिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का इस्तीफाशिक्षा मंत्री बृजमोहन ने दिया इस्तीफाBrijmohan Agarwal resigns from MLAMLA Brijmohan Agarwal's resignationMLA resignsBrijmohan Agarwal resigns from assemblyRaipur MLA resignsRaipur MLA Brijmohan Agarwal resignsBJP MLA resignsChhattisgarh BJP MLA resignsMLA Brijmohan resignsresignation given to Raman SinghEducation Minister Brijmohan Agarwal resignsEducation Minister Brijmohan resigns
Shantanu Roy

Shantanu Roy

    Next Story