छत्तीसगढ़
MP Brijmohan Agrwal: बृजमोहन अग्रवाल निकालेंगे आभार रैली, देखिए रुट
Shantanu Roy
13 Jun 2024 1:28 PM GMT
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छग
Raipur. रायपुर। रायपुर के नए सांसद बृजमोहन अग्रवाल New MP Brijmohan Agarwal कल अपनी जीत और मोदी सरकार के तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने की खुशी में रायपुर के कई इलाकों से आभार रैली निकालेंगे। आपको बता दें कि 1957 के बाद से पहली बार रिकार्ड मतों से जीत के लिएन आभार व्यक्त करने सांसद बने बृजमोहन अग्रवाल की आभार रैली 14 जून, शुक्रवार को निकलेगी। इसकी शुरुआत मां बंजारी मंदिर रावांभाटा से होगी और समापन जयस्तंभ चौक पर होगा। Brijmohan Agarwal यह रैली शहर व ग्रामीण क्षेत्रों को पूरा करते हुए शाम 4 बजे से शुरु होगी। सूत्रों के अनुसार सांसद बृजमोहन अग्रवाल 15 या 16 जून को विधायक और मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते है।
रायपुर लोकसभा से 575285 मतों से जीतकर देश के टॉप टेन विजेताओं में शामिल भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल Brijmohan Agarwal कल 14 जून को रायपुर में विजय आभार रैली निकालेंगे। उनकी यह रैली मां बंजारी मंदिर रावाभाटा बिरगांव से संध्या 4:00 बजे प्रारंभ होगी। पश्चात 04.05 बजे डी-एम टावर, उरकुरा,04.10 बजे व्यास तालाब, 04.15 बजे विमल इन्क्लेव, 04.20 बजे भनपुरी चौक, 04.25 बजे शांता स्वीट्स, 04.30 बजे पाटीदार भवन, भनपुरी, 04.33 बजे खमतराई, गुढ़ियारी, 04.38 बजे DRM ऑफिस, 04.43 बजे ओम काम्प्लेक्स, 04.48 बजे पीली बिल्डिंग, 04.53 बजे फाफाडीह ब्रिज के नीचे, 04.58 बजे फाफाडीह चौक, 05.00 बजे क्षत्रिय धर्मशाला, 05.03 बजे रेलवे स्टेशन, 05.16 बजे स्टेशन गुरुद्वारा, 05.11 बजे तेलघानी नाका, 05.14 बजे नेमीचंद गली, गंजमंडी, 05.17 बजे राठौर चौक, 05.20 बजे मान. बृजमोहन अग्रवाल जी का घर, 05.25 बजे सिन्धी स्कूल,05.30 बजे दुलार धर्मशाला, 05.35 बजे ललिता चौक, 05.38 बजे मौमिनपारा मस्जिद, 05.40 बजे तातयापारा चौक, 05.45 बजे आजाद चौक, 05.50 बजे आमापारा चौक, 05.55 बजे सारथी चौक, 06.00 बजे लाखे नगर चौक, 06.03 बजे लोहार चौक, 06.05 बजे लिली चौक, 06.08 बजे पुरानी बस्ती थाना, 06.13 बजे कंकाली तालाब, 06.18 बजे सत्ती बाजार, 06.20 बजे डॉ. आनंद सक्सेना, 06.23 बजे AT ज्वेलर्स, 06.25 बजे नहाटा मार्केट, 06.30 बजे कोतवाली, 06.33 बजे छोटा पारा, 06.35 बजे छोटा पारा मस्जिद, 06.38 बजे राजीव गांधी चौक (फायर ब्रिगेड), 06.40 बजे OCM चौक, 06.43 बजे आकाशवाणी चौक, 06.48 बजे कबीर चौक, 06.50 बजे सागौन बँगला, 06.53 बजे नेताजी चौक, 06.58 बजे कक्कड़ चौक, 07.00 बजे केनाल रोड, 07.05 बजे तारुसिंह चौक, 07.08 बजे गली नं. 7 छत्तीसगढ़ सिन्धी पंचायत, 07.10 बजे झुलेलाल मंदिर गली नं. 2, 07.12 बजे गुरुनानक हार्डवेयर, 07.15 बजे गुरुनानक द्वार, 07.20 बजे मरीन ड्राइव, 07.25 बजे भगत सिंह चौक, 07.30 बजे दिशा कॉलेज मोड़, 07.35 बजे अशोका टावर टर्निंग पॉइंट, 07.40 बजे शक्ति नगर राधा कृष्ण, 07.43 बजे मंदिर के पास लोधीपारा चौक, 07.50 बजे मंडी गेट, 07.55 बजे पंडरी कपड़ा मार्किट, 07.58 बजे एक्सप्रेसवे ब्रिज, 08.00 बजे श्याम प्लाजा, 08.05 बजे कचहरी चौक, 08.10 बजे शास्त्री चौक, 08.15 बजे जयस्तंभ चौक पर रैली का समापन होगा।
ये है छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय जननेता बृजमोहन अग्रवाल
इस लोकसभा चुनाव में कई तरह की चर्चाएं हुई लेकिन सबकी जुबां पर एक ही नेता का नाम था वो है बृजमोहन अग्रवाल। मोदी की सरकार वापस आई जिसके बाद से बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर का नया सांसद बनाया गया है। बृजमोहन अग्रवाल जो रायपुर से लगातार आठ बार विधायक रहे और पिछले 35 सालों से एक जनप्रतिनिधि के रूप में जनता की सेवा में डटे हुए हैं। 1990 में महज 30 साल की उम्र में अभिभाजित मध्य प्रदेश की सुंदरलाल पटवा सरकार में मंत्री स्वतंत्र प्रभार की भूमिका से लेकर अब तक छत्तीसगढ़ की राजनीतिक क्षितिज में विराजित होने के साथ ही लोगों के हृदय में भी वे बसे हुए है। परंतु यहां पर उनकी जीत की चर्चाएं नहीं है बल्कि चर्चाएं यह है कि बृजमोहन अग्रवाल कीर्तिमान रचेंगे या नहीं। रायपुर लोकसभा में बृजमोहन अग्रवाल को देश में सबसे ज्यादा वोटो से जिताने का संकल्प लेती स्वयं जनता दिख रही थी। जनता के प्रति इसी विश्वास के साथ मैं कह सकता हूं कि कल यानी 4 जून को ईवीएम से डाटा बाहर आएगा तो निश्चित तौर पर कमल ही कमल खिलता दिखाई देगा।
बृजमोहन अग्रवाल की पृष्ठभूमि आरएसएस की है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की छात्र राजनीति से राजनीति की शुरुआत हुई। उसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा यानी भाजपा से जुड़कर जनता के बीच कार्य किया। परंतु अपने इस सफर में बृजमोहन अग्रवाल ने सिर्फ मुद्दों की राजनीति की और जनहित को सर्वोपरि रखा। यहां पर सबसे बड़ी बात यह है कि उन्होंने राजनीति के चक्कर में किसी से व्यक्तिगत लड़ाई नहीं लड़ी। मुद्दों पर कांग्रेस के खिलाफ वे सबसे ज्यादा मुखर रहे और आज भी रहते हैं। परंतु व्यक्तिगत संबंधों की बात हो तो बृजमोहन अग्रवाल से अच्छा दोस्त किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को कभी नहीं मिल सकता है। आपको पता ही है कि बृजमोहन अग्रवाल ने 1989 से लेकर अब तक लगातार आठ विधानसभा चुनाव लडे और जीते हैं। और उन चुनावों में जितने भी उनके विरोधी प्रत्याशी रहे उनसे उनकी अच्छी मित्रता हो गई जो आज तक कायम है।
हमने देखा है की राजनीति में लोग व्यक्तिगत दुश्मनी कर बैठते हैं। परंतु यहां पर पूरा मामला ही उलट है। जो भी बृजमोहन का विरोधी होता है वह आने वाले कल में उनका मुरीद हो जाता है। बृजमोहन अग्रवाल ऐसे पहले राजनीतिक व्यक्ति है जिनकी किसी से भी बोलचाल बंद नहीं है। यहां पर एक और बात का जिक्र करना जरूरी हो जाता है कि आमतौर पर नेता अपने विरोधी दल के नेता से सार्वजनिक रूप से मिलने में कतराते हैं। परंतु बृजमोहन जी के साथ ऐसा नहीं है। कहीं कोई विरोधी नेता मिल जाए तो हाथ पकड़ कर उनके साथ चाय पीने भी बैठ जाते हैं। उन्हें इस बात की परवाह नहीं रहती की कौन इसे किस रूप में लेगा या क्या मतलब निकालेगा, षडयंत्र या साठगांठ कहेगा। असल में बृजमोहन अग्रवाल संबंधों में जीते हैं। जो उनकी बड़ी ताकत है। यही वजह है कि हर चुनाव की तरह इस लोकसभा चुनाव में अपनी अपनी राजनीतिक विचारधाराओं से ऊपर उठकर लोगों ने उन्हें सहयोग किया है।
हर समाज को अपना सा लगते हैं बृजमोहन
अपने 35 साल के राजनीतिक कार्यकाल में बृजमोहन अग्रवाल Brijmohan Agarwal ने कभी भी जाति और धर्म की राजनीति नहीं की। सिर्फ और सिर्फ क्षेत्र के विकास और जनहित के मुद्दों पर अपना फोकस रखा। हर धर्म हर समाज का गरीब आदमी मुख्य धारा से जुड़कर तरक्की की राह पर आगे बढ़े। उसका जीवन स्तर ऊंचा उठे यही प्रयास हमेशा से उनका रहा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सबसे ज्यादा सामुदायिक भवन अपनी विधायक निधि से विभिन्न समाजों के लिए बनवाए हैं। जहां उनका प्रयास रहता है कि सामाजिक क्रियाकलापों के अलावा लोगों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित हो ताकि आर्थिक उन्नति की दिशा में भी बड़ा जा सके। ऐसे ही अपनत्व भाव के कार्यों की वजह से ही छत्तीसगढ़ में कुर्मी, तेली, सतनामी,आदिवासी, ब्राह्मण बनिया,सिंधी, पंजाबी अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के लोगों के बीच बृजमोहन अग्रवाल की छवि एक अच्छी पारिवारिक सी है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में किसी भी समाज का अधिवेशन या कार्यक्रम हो और बृजमोहन अग्रवाल उसमें बतौर अतिथि न पहुंचे ऐसा हो नहीं सकता। क्योंकि उन सामाजिक लोगों की पहली पसंद उनके बृजमोहन भैया ही है। मैने तो कार्यक्रमों में प्रत्यक्ष देखा है कि समाजों के कर्ताधर्ता पूरे अधिकार और जिम्मेदारी के साथ बृजमोहन जी को अपने समाजहित का काम सौपते है।उन्हें पता है कि बृजमोहन जी को कोई काम सौंपा मतलब पूर्णतः की गारंटी है।
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