दुर्ग। खुर्सीपार पुलिस एवं एस सी सी यू टीम की तत्परता से मोटरसाइकिल चोर चंद घंटों में गिरफ्तार किया गया है। चोर मोटरसाइकिल बेचने के फिराक में ग्राहक तलाश रहा था। वही आरोपी के विरुद्ध थाना खुर्सीपार में चोरी के कई मामले दर्ज हैं।
एक और मामले में पुलिस का खुलासा - थाना वैशाली नगर क्षेत्र में घटित संनसनीखेज हत्या के मामले का पुलिस ने चंद घंटों में खुलासा किया। जानकारी के मुताबिक पुलिस पार्टी के द्वारा लगातार पीछा कर आरोपी को गिरफ्तार करने में मिली सफलता है। साथ ही गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त आलाजरब व वाहन बरामद की गई है। एन्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट दुर्ग और थाना वैशाली नगर ने संयुक्त कार्यवाही की है.
दुर्ग पुलिस की अपील सडक दुर्घटना में घायल व्यक्ति की निःसंकोच मदद करें
डॉ. अभिषेक पल्लव, पुलिस अधीक्षक दुर्ग के द्वारा लगातार रात्रि गश्त में वाहन चालको को समझाईस दी जा रही है कि वे यातायात नियमों का पालन कर वाहन चलाये जैसे-दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट लगाये, चार पहिया वाहन में सील्ट बेल्ट लगाये, नशे में वाहन ना चलाये, तेज रफ्तार वाहन चालन ना करे।
यातायात पुलिस जिले के आम नागरिकों से अपील करती है कि आपके क्षेत्र में या आपके आस पास ऐसा कोई तेज आवाज वाला वाहन या मोडिफाईड सायलेंसर, फटाका फोडने वाला बुलेट एवं मार्ग अवरोध कर खडा किया हुआ वाहन तो इसकी जानकारी यातायात पुलिस के व्हाटसप नंबर 94791-92029 में फोटो व विडियो बनाकर कर भेजे। जिसमें दुर्ग पुलिस द्वारा वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। आपकी भेजी गई जानकारी गोपनीय रखी जावेगी।
~~गुड सेमेरिटन (नेक व्यक्ति)~~
शासन द्वारा सडक दुर्घटना में घायल व्यक्ति के लिए जारी की गई योजना के तहत वह व्यक्ति जो सड़क दुर्घटना के समय घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाता है या नॉन मेडिकल मदद करता है। ऐसे व्यक्ति को गुड सेमेरिटन (नेक व्यक्ति) कहा जाता है,
जिसे मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के तहत निम्नलिखित संरक्षण प्राप्त है:-
🔸 सिर्फ प्रत्यक्षदर्शी होेने की दशा में नाम व पता बताने की बाध्यता नहीं है।
🔸 गुड सेमेरिटन किसी सिविल अथवा आपराधिक दायित्व के लिये उत्तरदायित्व नहीं होगा।
🔸दुर्घटना की सूचना देने पर नाम व व्यक्तिगत विवरण देने के लिये बाध्य नहीं किया जावेगा।
🔸गुडसेमेरिटन का नाम व सम्पर्क विवरण जैसे-व्यक्तिगत विवरण को बताया जाना वैकल्पिक/स्वैच्छिक होगा।
🔸वह लोक सेवक जो गुडसेमेरिटन को अपना नाम व व्यक्तिगत विवरण देने के लिये बाध्य करेगा या धमकायेगा उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक या विभागीय कार्यवाही हो सकती है।
🔸 गुडसेमेरिटन की स्वेच्छा पर उससे दुर्घटना के संबंध में केवल एक बार पूछताछ की जा सकती है, इसके लिये वीडियो कान्फेंरस की उपयोग किया जा सकेगा, जो न्यायालय में भी मान्य होगा।
🔸 किसी अस्पताल द्वारा गुडसेमेरिटन से उसकी इच्छा के बैगर व्यक्तिगत जानकारी नहीं ली जायेगी व कोई ईलाज शुल्क आदि नहीं लिया जावेगा जब तक कि वह घायल का रिष्तेदार या सगा संबंधी ना हो।
🔸सड़क दुर्घटना के मामले में अस्पताल/डॉक्टर द्वारा बिना विलंब किये तत्काल ईलाज आरंभ किया जावेगा अन्यथा उसके विरूव्द्ध भारतीय चिकित्सा परिषद (MIC) द्वारा व्यवसायिक कदाचार के अंतर्गत कार्यवाही किया जा सकता है।
🔸 यदि गुडसेमेरिटन चाहे तो अस्पताल उसे घायल को अस्पताल लाने के समय व स्थान के संबंध में पावती उपलब्ध करायेगा (अस्पताल पावती का प्रारूप रखेगें)
🔸सभी अस्पताल बोर्ड/पट्टिका पर हिन्दी/अंग्रेजी/क्षेत्रीय भाषा में घोषणा करेगें कि ''गुडसेमेरिटन से सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति के उपचार हेतु उनसे धन जमा नहीं कराया जायेगा।''
🔸 राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन हेतु प्रत्येक घटना में 5000/-रूपये नगद पुरूस्कार दिया जायेगा।
🔸 इसी प्रकार केन्द्र सरकार द्वारा प्रोत्साहन हेतु 01 लाख रूपये नगद पुरूस्कार दिया जावेगा।