रायपुर। शांति दूत और पीड़ित मानवता की मददगार मदर टेरेसा की आज 112वीं जयंती है. उनका जन्म 26 अगस्त 1910 को अल्बेनियाई परिवार में हुआ था. उन्हें मानवता की प्रतिमूर्ति भी माना जाता है. उन्होंने भारत के दीन-दुखियों की सेवा की थी, कुष्ठ रोगियों और अनाथों की सेवा करने में अपनी पूरी जिंदगी लगा दी. उनके इसी योगदान को देखते हुए उन्हें नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया था.
मदर टेरेसा को 'बीसवीं सदी की फ्लोरेंस नाइटिंगेल' भी कहा जाता है. दुनिया उन्हें मदर टेरेसा के नाम से जानती है लेकिन उनका वास्तविक नाम अगनेस गोंझा बोयाजिजू था. उन्होंने दुनिया को करुणा, प्रेम और लोगों की मदद करने के बारे में सिखाया.
सीएम भूपेश बघेल ने भी उनकी याद में एक ट्वीट किया है - जिनका कोई नहीं था, उनकी मदर टेरेसा थीं। असंख्य बेसहारा लोगों का सहारा बनकर असंख्य जनों को प्रेरित करने वाली 'भारत रत्न' एवं नोबेल शांति पुरस्कार सम्मानित मदर टेरेसा जी की जयंती पर हम उनका पावन स्मरण करते हैं।
जिनका कोई नहीं था, उनकी मदर टेरेसा थीं।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 26, 2022
असंख्य बेसहारा लोगों का सहारा बनकर असंख्य जनों को प्रेरित करने वाली 'भारत रत्न' एवं नोबेल शांति पुरस्कार सम्मानित मदर टेरेसा जी की जयंती पर हम उनका पावन स्मरण करते हैं।