छत्तीसगढ़

नौकरी कर मां ने बेटे को बनाया आईपीएस, पढ़े पूरी खबर

Nilmani Pal
8 May 2022 4:00 AM GMT
नौकरी कर मां ने बेटे को बनाया आईपीएस, पढ़े पूरी खबर
x

रायपुर। पिता ने मरते समय कहा था कि बेटे को अफसर बनाने के लिए मकान बेच देना। लेकिन मां ने अपने लाडले को अफसर बनाने के लिए दवाई दुकान में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी की और पैसे जुटाकर मंजिल तक पहुंचाया। कहानी छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव में पदस्थ एक प्रशिक्षु आइपीएस मयंक गुर्जर की है।

2020 बैंच के आइपीएस मयंक मध्यप्रदेश के हरदा जिले के खिलकिया तहसील के डेडगांव निवासी है। उनका आइपीएस बनाने का सफर आसान नहीं था। साल 2014 में 12वीं की वार्षिक परीक्षा से महज सात दिन पहले पिता गोविंद गुर्जर का निधन हो गया। वे इंदौर में एक निजी कंपनी में अकाउंटेट थे। मयंक की माता प्रेमलता गुर्जर ने हार नहीं मानी। मयंक को पढ़ाने के लिए प्रेमलता ने इंदौर के दवा बाजार में रिसेप्शनिस्ट (स्कीरकीपर) का काम शुरू कर दिया। जहां शिक्षा और घर चलाने के लिए पैसे जुटाकर बेटे को मंजिल तक पहुंचाया।

नईदुनिया से चर्चा करते हुए प्रेमलता ने बताया कि मयंक के पिता ने आखरी क्षणों में कहा कि मयंक का सपना पूरा करने के लिए पढ़ाई को रोकना मत। क्यों न घर ही बिक जाए। मयंक को एक अफसर के रूप में देखना चाहता हूं। ठीक उसी दिन से ठान लिया कि मयंक को उच्च शिक्षा दिलाकर रहेंगे। मयंक ने भी माता-पिता के सपने को सकार करने के लिए खूब मेहनत की। अंतत: यूपीएससी में पहले ही प्रयास में 455वीं रैंक हासिल कर आइपीएस बन गए।

सोर्स न्यूज़ - स्थानीय न्यूज़ वेब पोर्टल

Next Story