छत्तीसगढ़

तहसील में डायवर्सन के पांच हजार से ज्यादा मामले पेडिंग

Nilmani Pal
31 Jan 2023 6:07 AM GMT
तहसील में डायवर्सन के पांच हजार से ज्यादा मामले पेडिंग
x

72 घंटे में निपटाने का प्रावधान, महीने-डेढ़ महीने भी नहीं सरक रही फाइल

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। जमीनों के डायवर्सन, सीमांकन और नामांकन समय पर नहीं किया जा रहा है। यही कारण है कि सिर्फ डायवर्सन के ही करीब 5 हजार से अधिक प्रकरण लंबित हैं। दरअसल, राजस्व विभाग ने डायवर्सन में विलंब होने की मिल रही शिकायत पर इसमें तेजी लाने के लिए सरलीकरण किया था।

चार साल पहले इसे पूरा करने के लिए लगभग दो से तीन माह तक समय लग जाता था। जारी नई गाइड लाइन में राजस्व विभाग द्वारा कृषि जमीन को आवासीय में डायवर्सन करने का 72 घंटे का प्रावधान है, लेकिन दस्तावेजों को प्रमाणीकरण के साथ प्रस्तुत करने पर भी एक-एक महीने तक निराकरण नहीं हो रहा है। तहसील कार्यालयों के बाबूओं और अधिकारियों की उदासीनता के चलते लोगों को डायवर्सन कराने के लिए महीनों तक भी चक्कर लगाना पड़ रहा है। वहीं इस मामले को लेकर राजस्व विभाग अब तक करीब 100 से अधिक शिकायतें भी मिल चुकी हैं।

शिकायत के बाद नहीं होती कार्रवाई: डायवर्सन के लिए आवेदन करने लोग जब समय पर काम नहीं होता है, आला अधिकारियों से इसकी शिकायत करते हैं, लेकिन संबंधित अधिकारियों द्वारा तहसील के किसी भी अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं। जबकि शिकायत मिलने के बाद संबंधित अधिकारी और कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस किया जाना चाहिए। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उस अधिकारी को निलंबित भी करने का प्रावधान है।

राजस्व विभाग द्वारा चार साल पहले जारी की गई नई गाइड लाइन के अनुसार अफसर मौके पर ही दस्तावेजों की जांच करेंगे। साथ ही मौके पर ही आवेदन जांच के बाद ही लिए जाएंगे। डायवर्सन होने वाली एरिया की संबंधित हल्का के पटवारी मुआयना करेंगे। आपत्ति के बदले आवेदक को काम होने की सूचना देंगे। भुईंयां में संबंधित खसरा नंबर के डायवर्सन को दर्ज करेंगे।

राजस्व विभाग छत्तीसगढ़ शासन के सचिव नीलम एक्का के अनुसार जमीनों के डायवर्सन, सीमांकन और नामांकन शीघ्र कराने के निर्देश कलेक्टरों को समय-समय पर निर्देश जारी किए जाते हैं। कहीं से शिकायत मिलती है, तो संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है।

रिकार्ड नहीं पहुंचने से राजस्व के हजारों मामले बरसों से लंबित

राजस्व मंडल से लेकर अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालयों में राजस्व मामलों के हजारों मामले सिर्फ मूल न्यायलयों के रिकार्ड नहीं पहुंचने के कारण बरसों से लंबित हैं । इसकी वजह से सस्ता, सुलभ व शीघ्र न्याय दिलाने के सरकार के उद्देश्य पर भी जिम्मेदार पलीता लगा रहे । इसके लिये कोताही बरतने वाले जिम्मेदारों पर कार्यवाही करने व समय पर रिकॉर्ड पहुंचवाने की प्रभावी व्यवस्था की मांग मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री व मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंप की गयी है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व मुख्य सचिव अमिताभ जैन को मेल से तथा राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को व्हाट्सएप के जरिये यह ज्ञापन रायपुर अधिवक्ता संघ के कई बार पदाधिकारी रह चुके भूपेन्द्र शर्मा ने बीते कल 29 जनवरी को भेजा है । ज्ञापन में जानकारी दी गयी है कि राजस्व मंडल से लेकर अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालयों में अपील, पुनरीक्षण व पुनर्विलोकन का कानूनी प्रावधान है जिसके लिये मूल न्यायालयों के अभिलेखों (रिकार्ड) की जरूरत पड़ती है । मूल न्यायालय व अभिलेखागार को इन रिकार्डो का मांगपत्र में भेजे जाने के बाद भी कोताही बरते जाने से पक्षकारों सहित अधिवक्ताओं को अनावश्यक परेशानी होने होने व न्याय में देरी न्याय से इंकार का सूक्त लागू होने का जिक्र करते हुए ज्ञापन में आगे बतलाया गया है कि स्थिति इतनी बदतर है कि पक्षकारों व अधिवक्ताओं को मांगपत्र साथ ले जा रिकार्ड भिजवाने की सलाह दी जाती है और इसके लिये अधिकतर चढ़ौत्री की जरूरत पड़ती है । ज्ञापन में आगे बतलाया गया है कि अधिकतर इन न्यायालयों द्वारा आदेशिका पत्रक में तो रिकॉर्ड मंगवाने का आदेश पारित कर दिया जाता है पर इसके क्रियान्वयन में जाने - अनजाने कारणों से कोताही बरती जाती है । इस कार्य में होने वाले विलंब को दूर करने सुनिश्चित प्रभावी व्यवस्था का आग्रह करते हुये सुझाव दिया गया है कि मांगपत्र तामिली की सुनिश्चित जानकारी ले इसमें कोताही बरतने वालों के साथ - साथ तामिली के बाद भी कोताही बरतने वाले जिम्मेदार संबंधित कर्मचारी के खिलाफ सुनिश्चित कार्यवाही की व्यवस्था करे व संबंधित अभिलेखागार प्रभारी सहित संबंधित पीठासीन अधिकारियों को जिम्मेदार ठहरा कार्यवाही की जावे । ज्ञापन में आगे मूल न्यायालय अथवा अभिलेखागार में रिकॉर्ड होने की स्थिति स्पष्ट न होने के परिप्रेक्ष्य में संबंधित पीठासीन अधिकारी को रिकॉर्ड भिजवाने के लिये जिम्मेदार बनाने का सुझाव दिया गया है । ज्ञापन में रायपुर में संभागायुक्त रह चुके सेवानिवृत्त ब्रजेश चंद्र मिश्रा के कार्यकाल में मांगपत्र जारी होने के बाद आगामी तिथि में रिकॉर्ड उपलब्ध हो जाने संबंधी किये गये व्यवस्था का जिक्र करते हुये कहा गया है कि यदि शासन - प्रशासन चाहे तो उनके अनुभवों का लाभ ले सकता है । ज्ञातव्य हो कि श्री शर्मा रायपुर अधिवक्ता संघ के सचिव, कनिष्ठ व वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा छत्तीसगढ़ लेबर बार एसोसिएशन के सचिव रह चुके हैं ।

राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए 4 फरवरी को लगाया जाएगा शिविर

रायपुर तहसील के राजस्व प्रकरणों- नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, व्यपवर्तन, किसान किताब, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र , निवास प्रमाण पत्र एवं अन्य राजस्व से संबंधित प्रकरणों के निराकरण हेतु 4 फरवरी को शिविर आयोजित किया जाएगा। कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने शिविर में अनुविभागीय अधिकारी (रा0 ) रायपुर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारीयों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहकर राजस्व प्रकरणों का निराकरण करने के निर्देश दिए है।

Next Story