कांकेर। भोले भाले ग्रामीणों को सपने दिखाकर दलाल दूसरे राज्यों में ले जाकर फंसा देते हैं. उस राज्य के ठेकेदार से पैसे लेकर दलाल तो भाग जाता है,लेकिन मजदूर फैक्ट्री में बंधक बनकर रह जाते हैं. कांकेर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. इस बार कांकेर जिला प्रशासन ने 15 बंधक मजदूरों को छुड़ाया है.
जिला पंचायत CEO सुमित अग्रवाल ने बताया कि '' बीते 4 महीने से सभी को उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा था. परेशान मजदूर घर वापस आना चाहते थे. लेकिन कोई मदद नहीं मिलने से परेशान थे. इसी बीच, जिला पंचायत अध्यक्ष हेमंत ध्रुव को इनकी जानकारी मिली. उन्होंने प्रशासन को इस खबर से अवगत कराया. प्रशासन ने देरी ना करते हुए, महिला बाल विकास, श्रम विभाग और पुलिस की टीम तमिलनाडु रवाना की.जहां से सभी को सकुशल वापस लाया गया.'' मजदूरों की रिहाई बुधवार को हुई.
जिला प्रशासन की टीम ने मजदूरों को उनके कार्यों की राशि 3 लाख 32 हजार रुपये का भी भुगतान कराया. इस पर प्रशासन का कहना है कि '' सभी का तत्काल रजिस्ट्रेशन किया गया है. अब सभी लोगों को अलग अलग योजनाओं के तहत लाभ देकर रोजगार दिलाया जाएगा. इससे पहले 9 मार्च को जिला प्रशासन ने 6 बालिग और 4 नाबालिग व्यक्तियों को तमिलनाडु से रेस्क्यू कर वापस लाने का काम किया था.''