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जातिवाद की राजनीति के कारण विकास की विकास यात्रा खतरे में तो नहीं...?
ज़ाकिर घुरसेना
जातिवाद की राजनीति के कारण कांग्रेस और भाजपा के बड़े-बड़े दिग्गज जैसे सरोज पांडे, मो. अकबर, गुरूमुख सिंह होरा, राजकमल सिंघानिया, गौरीशंकर अग्रवाल जैसे अनेक दिग्गज चुनाव हार चुके हैं
राजेश मूणत की टिकट भी आासान नहीं
जातिवाद की राजनीति से दिग्गजों के राह में बिछे कांटे
संदीप साहू कांग्रेस का उभरता हुआ सितारा
रायपुर। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल साहू का बीते दिन पश्चिम विधानसभा में स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने पहाड़ी चौक गुढिय़ारी में ऐतिहासिक व जोरदार स्वागत कर उनका जन्मदिन मनाया। इस अवसर पर स्थानीय साहू समाज के लोगों ने उनके स्वागत सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़ी। विशाल टेंट में स्वागत के दौरान मोतीलाल साहू के संबंध में शुभकामनाएं युक्त नारों के बीच पश्चिम विधानसभा में मोतीलाल साहू का स्वागत है, हमारा नेता कैसा हो मोतीलाल साहू जैसा हो जैसे नारे भी गूंजे। जो बड़े भाजपा नेताओं के लिए चर्चा का विषय रहा। एक भाजपा नेता ने कहा कि पश्चिम विधानसभा क्षेत्र का अगला चुनाव विकास उपाध्याय वर्सेस मोतीलाल हो जाये तो इसमें आश्चर्य नहीं होगा। जिस हिसाब से साहू समाज की बहुलता पश्चिम विधान सभा में है और मोतीलाल साहू के जन्मदिवस में स्वागत के दौरान जो माहौल दिखा मोतीलाल साहू का नाम समाज पश्चिम विधानसभा से विधायक के लिए आगे कर सकता है। भाजपा पिछड़ा वर्ग के एक नेता के अनुसार मोतीलाल साहू मिलनसार व्यक्तित्व उन्हें एक कदम आगे रखता है। वैसे भी पश्चिम बीजेपी नेताओ के व्हाट्सअप ग्रुप में भी इस बात के लिए खुलकर बयानबाजी भी कर रहे हैं। ग्रुप में टिका टिप्पणी से राजनीतिक माहौल भी गरमाया हुआ है। इस सम्बन्ध में भाजपा संगठन खामोश है। गुढिय़ारी के पिछड़ा वर्ग के एक भाजपा नेता ने कहा कि राजेश मूणत के व्यवहार और व्यक्तिगत छबि को देखते हुए आगामी चुनाव साहू बनाम साहू न हो जाए। भाजपा का एक वर्ग इस बात की तस्दीक भी कर रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय साहू समाज पश्चिम विधानसभा में साहू समाज की बहुलता को देख अगला विधायक समाज से ही देेखना चाहती है। वहीं समाज का तर्क है कि वर्तमान विधायक विकास उपाध्याय से यदि कोई लोहा लेकर उसे परास्त करने की क्षमता रखता है तो वो साहू समाज का ही हो सकता है। जिसमें मोतीलाल साहू फिट बैठ रहे हैं। पश्चिम विधानसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग से जुड़े लोगों की संख्या बहुत ज़्यादा है। भारतीय जनता पार्टी पिछले 10 साल साहूवाद के चलते सत्ता में बैठी रही, ऐसा राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है।
छत्तीसगढ़ में साहू मतदाताओं की तादात ज्यादा होने से वह कई विधानसभा चुनाव क्षेत्र के चुनाव परिणाम को भी प्रभावित करते हैं। देखा जाए तो कांग्रेस से पश्चिम विधानसभा के लिए एक सशक्त नाम उभर कर आ रहा है वो है संदीप साहू। संदीप साहू को अभी हाल ही में ही साहू समाज ने सरआंखों पर बिठाकर राष्ट्रीय स्तर पर समाज का पदाधिकारी बनाया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भी वे करीबी है। सीएम ने उसे तेलघानी बोर्ड का प्रथम अध्यक्ष भी बनाया है। भाजपा की ओर से मोतीलाल साहू भी बीते विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा पाटन में स्थानीय नागरिक न होते हुए भी बहुत कम मतो के अंतर से शिकस्त प्राप्त किए हुए हैं। ये उनकी सादगी व मिलनसारिता का बेहतर प्रमाण है। मोतीलाल साहू वर्तमान में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष भी है। इधर साहू ने अपने व्यक्तित्व के अनुरूप पूरी सादगी के साथ अपना जन्मदिन मनाते हुए कार्यकर्ता एवं साहू समाज के प्रति हृदय से आभार प्रकट किया। वैसे भी मोतीलाल साहू अपने निवास अश्वनी नगर में हर साल जन्मदिवस पर जलसा करते ही हैं। लेकिन जिस प्रकार से गुढिय़ारी क्षेत्र में मोतीलाल साहू का स्वागत हुआ और नारे लगे उससे लगता है कि स्वयं मोतीलाल पश्चिम विधानसभा से चुनाव लडऩे उत्सुक हैं। वैसे भी राजनीति में कुछ भी संभव है। कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय की सक्रियता भी किसी से छुपी नहीं है पश्चिम विधानसभा के हर काम में वे सक्रीय रहते है। एक प्रकार से वे पश्चिम विधानसभा को खोना नहीं चाहते। यही वजह है की वे आज भी युवाओं की टोली के साथ अपने विधानसभा क्षेत्र में निरंतर उपस्थिति दर्ज कराते रहते हैं।
राजनीति की बारिकी से जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से खबर को अनेक प्रकार से पुष्टि करने के बाद यकीन के तौर पर अपनी सहमति देते हैं जैसे कि विकास की राह में सबसे रोड़ा साहूवाद का रहेगा। राजधानी में ओबीसी का सबसे बड़ा वोटबैंक साहू समाज है और इनके बारे में माना जाता है कि ये जहां जाते हैं सरकार उसी की बनती है। इसी फार्मूले के तहत संदीप साहू या मोती लाल साहू को विधानसभा टिकट के तौर पर लाटरी लगने की उम्मीद दिख रही है। जानकार यह भी बताते हैं कि विकास की महत्वाकांक्षा, ऊंची उड़ान और ऊंचे सपने कमोबेश सभी छोटे-बड़े नेता और समर्थक व विरोधी नेता समझते व जानते हैं। अब यह माना जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में विकास उपाध्याय को टिकट लाने नाकों चने चबाने जैसी स्थिति का सामना न करना पड़े। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर भाजपा मोतीलाल साहू पर दांव आजमाती है तो कांग्रेस के पास भी संदीप साहू के रूप में तुरूप का इक्का है। वैसे भी संदीप साहू किसी विशेष गुट का न होकर सभी गुट के नेताओं का चहेता है और युवा होने का फायदा उन्हें मिलेगा। संदीप साहू का साहू समाज में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टी के नेताओं से अच्छे संबंध है। वैसे भी अभी इस मुद्दे पर कहना कुछ जल्दबाजी होगी। चुनाव नजदीक आने पर राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा यह देखने वाली बात होगी। फिर भी जिस प्रकार राजनीति में जातिवाद हावी है उसे देखकर इन सब बातों से इंकार नहीं किया जा सकता है कि पश्चिम विधानसभा चुनाव साहू बनाम साहू न हो जाए। अभी चुनाव को लगभग ढाई साल बाकी है ऐसे में कई नए समीकरण बनेंगे।
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Bhumika Sahu
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