छत्तीसगढ़

धान बर्बादी के लिए मोदी और रमन सरकार जिम्मेदार: शैलेश

Admin2
29 Jun 2021 6:41 AM GMT
धान बर्बादी के लिए मोदी और रमन सरकार जिम्मेदार: शैलेश
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रायपुर (जसेरि)। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने आरोप लगाया है कि राज्य में धान बर्बादी की असली जिम्मेदार भाजपा की पूर्ववर्ती रमन सरकार है। छत्तीसगढ़ में राज्य बनने के साथ ही सरकार की ओर से समर्थन मूल्य में धान खरीदी की परंपरा है। राज्य की पहली कांग्रेस सरकार ने धान और चावल के भंडारण के गोदाम बनाने शुरू किए। भाजपा की रमन सरकार ने 15 साल में धान को सुरक्षित रखने के लिए कोई गोडाउन नहीं बनवाए। भाजपा की सरकार के समय भी औसतन 50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होती थी, लेकिन भाजपा सरकार ने अपने पूर्ववर्ती सरकार के बनाए 5 लाख मीट्रिक टन क्षमता की भंडारण क्षमता को नहीं बढ़ाया।

राज्य में धान को खुले में और तिरपाल में एक कर रखने की परंपरा बन गई। भाजपा की रमन सरकार ने बड़ी-बड़ी अट्टालिकाएं बनवाई। नई राजधानी में फिजूल के 14000 रुपए का निर्माण कार्य करवाया। स्काईवाक जैसे अनुपयोगी निर्माण करवाया लेकिन छत्तीसगढ़ के किसानों की मेहनत की उपज धान को सुरक्षित रखने के लिए कुछ नहीं किया। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में धान के गोदाम बनाने के लिए कार्ययोजना बनाना शुरू किया। धान खरीदी केन्द्रों पर चबूतरे बनाए गए ताकि धान की बर्बादी बंद हो। भाजपा धान बर्बादी पर घडियाली आंसू बहाना बंद करें। शैलेश ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के परिणामस्वरूप धान और चावल का उठाव नहीं हो पाया। भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों के धान से बने चावल को लेने से इंकार किया।

छत्तीसगढ़ के माटी से बने एफसीआई के गोदामों से छत्तीसगढ़ का चावल नहीं रहेगा तो कहां का चांवल रहेगा? भाजपा के केन्द्र सरकार ने पहले कहा था, 60 लाख टन चावल लेंगे। उसको घटाकर 24 लाख टन कर दिया। केन्द्रीय मंत्री और भाजपा की केन्द्र सरकार लगातार हटधर्मितापूर्ण तरीके से बदले की भावना से छत्तीसगढ़ के खिलाफ, किसानों के खिलाफ फैसले ले रहे हैं। छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता अपनी केन्द्र सरकार के फैसलों के परिणाम स्वरूप उत्पन्न स्थिति के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराने की साजिशें रच रहे हैं। भाजपा नेता छत्तीसगढ़ के हितों के खिलाफ झूठ प्रपंच और षडयंत्र रचकर बड़ी-बड़ी बाते कर रहे हैं।

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