भारत बंद का मिला-जुला असर, भड़कावे पर सड़कों पर उतरे ग्रामीण
Charama. चारामा। कांकेर में आज सुबह से भारत बंद का समर्थन करने वाले विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने अपने - अपने गुर्गों के साथ निकल पड़े है वही एक विशाल रैली का भी आयोजन किया गया मगर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आदिवासी लोग भी आज भारत बंद कराने अपने घरों से निकले है जिन्हें विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने झूठ बोलकर अपनी रैलियों में शामिल कराया है आदिवासियों को ये झूठ बोला गया है कि उनका आरक्षण सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। जिसके आक्रोश में भोलेभाले आदिवासी लोग अपने घरों से निकलकर भारत बंद कराने में जुट गए है। कई आदिवासियों से पूछा गया कि वो इस रैली में क्या कर रहे है तो उनका जवाब था कि उन्हें इस विषय का कोई ज्ञान नहीं है उनको बस ये बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण खत्म कर दिया है। वही छत्तीसगढ़ के कई जिलों में बंद का असर दिख भी नहीं रहा है। सुप्रीम कोर्ट के SC आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के कैसले के खिलाफ सर्व आदिवासी समाज ने बस्तर बंद करवाया है। समाज के सदस्यों ने सुकमा जिला मुख्यालय में NH-30 पर चक्काजाम कर दिया है। छत्तीसगढ़ में जगदलपुर से सुकमा के रास्ते आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जाने वाला मार्ग बाधित है। दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी है।
जगदलपुर-बीजापुर नेशनल हाइवे-63 पर भी जाम
जगदलपुर-बीजापुर नेशनल हाइवे-63 भी जाम है। यहां केशलूर के पास आदिवासी समाज के सदस्य सड़क पर उतर आए हैं। चौक पर बैठ गए हैं, जिससे वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है। नेशनल हाइवे पूरी तरह जाम है। जगदलपुर में नेशनल हाइवे-30 पर आमागुड़ा चौक में समाज के सदस्यों की भारी भीड़ है। यहां भी जाम का प्रयास किया जा रहा है। बस्तर के संभागीय मुख्यालय जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर समेत अन्य जिलों में भी बंद का असर है। सुबह से ही सारी दुकानें बंद हैं। हालांकि, मेडिकल जैसी इमरजेंसी सेवाएं शुरू है। यहां भी समाज के सदस्य सड़क पर उतर आए हैं।