मितानिन दिवस : रायपुर कलेक्ट्रेट में मितानिनों का किया गया सम्मान
रायपुर। मितानिन दिवस के अवसर पर आज कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्रास सभाकक्ष में मितानिनों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमति डोमेश्वरी वर्मा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई। उन्होंने सभी ब्लॉक से पहुंची मितानिनों को बधाई दी एवं प्रमाण पत्र दिया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायपुर डॉ मीरा बघेल ने मितानिनों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा की कोविड काल जैसे कठिन समय पर भी मितानिनों ने मन लगाकर अच्छे से कार्य किया और लोगांे को जागरूक करने और टीकाकरण के लिए प्रेरित करने जैसे अनेक कार्य किए।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में प्रतिवर्ष 23 नवम्बर को मितानिन दिवस मनाया जाता हैं। मितानिन ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रो में स्वास्थ्य विभाग की रीढ होती हैं। मितानिन कार्डिनेटर प्रियंका ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के ग्रामिण क्षेत्रो में मितानिन कार्यक्रम वर्ष 2002 से संचालित किया जा रहा हैं। मितानिन एक स्वयं सेवी कार्यकर्ता होती है जो समुदाय को स्वास्थ्य से जोड़ने वाली कडी के रूप में कार्य करती हैं तथा समुदाय को प्राथमिक सेवाये उपलब्ध कराती हैं और शासन की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का लाभ दिलाने में सहयोग करती हैं।
मितानिन ने ग्रामीण व शहरी स्लम के स्वास्थ्य में सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2011 से प्रतिवर्ष 23 नवम्बर को मितानिन दिवस मनाया जाता हैं। मितानिन स्वास्थ्य की सेवाये निस्वार्थ भाव से सेवा करती हैं जहाँ विभाग के कार्यकर्ता नही पहुँच पाते वहाँ मितानिन पारा-मुहल्ले में चाहे बारिश हो या धूप हो पहुँचकर प्राथमिक उपचार देती हैं और गंभीर स्थिति में स्वास्थ्य केन्द्र तक पहुँचाने में मदद करती है। सरकार द्वारा मितानिनों की टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, प्रसव पूर्व 04 जॉच, नवजात के बच्चे के घर भ्रमण सहित कुछ सेवाएं पर शासन द्वारा प्रोत्साहन राशि दी जाती हैं, इसके अलावा ए.एन.एम. प्रशिक्षण में भी कुछ पद आरक्षित किया जाता हैं। रायपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सभी चारों विकासखंडो में 2004 मितानिन एवं शहरी क्षेत्र में 1150 मितानिन सहित कुल 3154 मितानिन है।