छत्तीसगढ़

पुलिस से हुई गलतफहमी, दो लाशों का मामला

Nilmani Pal
11 Oct 2023 7:46 AM GMT
पुलिस से हुई गलतफहमी, दो लाशों का मामला
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जमकर कटा बवाल

बिलासपुर। सिविल लाइन पुलिस को समान नाम और उम्र वाले दो शवों के बीच ऐसी गलतफहमी हुई कि सामान्य हालत में हुई मौत का पोस्टमार्टम करा दिया और जिसकी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई उसका शव मरच्युरी में रखा रह गया। दोनों मृतकों के परिजनों को पुलिस ने समझा-बुझाकर शांत कर लिया।

मंगला निवासी राजेश मेहता (45 वर्ष) को उल्टी दस्त की शिकायत के बाद सिम्स चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। यहां उसकी मौत हो गई। इधर कुछ दिन पहले सेंदरी स्थित मानसिक चिकित्सालय से लाकर दाखिल कराये गए राजेश साहू (48 वर्ष) की भी उसी दिन मौत हो गई। दोनों शवों को मरच्युरी में रखा गया। चूंकि राजेश मेहता की उल्टी दस्त से मौत हुई थी, इसलिये मौत की वजह जानने के लिए पोस्टमार्टम कराना जरूरी था। पुलिस ने मेहता की जगह साहू पोस्टमार्टम करा दिया। उसके परिजनों ने गरीबी के कारण अंतिम संस्कार करने में लाचारी जताई तो पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार भी करा दिया। इसके बाद दूसरे दिन राजेश साहू के परिजन सिम्स पहुंचे। उन्हें मरच्युरी ले जाकर वहां रखा गया शव दिखाया गया तो उन्होंने पाया कि यह किसी और का शव है। पुलिस ने तब मेहता के परिजनों को बुलाया। पता चला कि यह शव राजेश साहू का न हो कर राजेश मेहता का है। राजेश साहू के परिजनों ने हंगामा मचाया लेकिन पुलिस व सिम्स प्रबंधन ने गलती के लिए माफी मांगी और कहा कि समान उम्र और नाम होने के कारण ऐसा हो गया। किसी तरह राजेश साहू के परिजनों को शांत किया गया और अंतिम संस्कार स्थल पर ले जाकर उन्हें राजेश साहू की अस्थियां सौंपी गई। बाद में पुलिस ने राजेश मेहता के शव का भी अंतिम क्रिया पूरी कराई।

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