रायपुर। नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में मंत्री-मंडलीय उपसमिति द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में खरीदी गई धान जो समितियों में उपलब्ध हैं उसे जल्द से जल्द संग्रहण केन्द्रों में परिवहन कर तेजी से कस्टम मिलिंग कराने पर जोर दिया। बैठक में अतिशेष धान की नीलामी के लिए अब रेट में कमी नहीं करने का प्रस्ताव पारित किया गया। मंत्रिमंडलीय उपसमिति में कृषि एवं पशुधन विकास मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल शामिल थे।
मंत्रि-मंडलीय उप समिति की बैठक में रबी सीजन के धान की आवक, वर्षा ऋतु के शीघ्र आगमन की संभावना को ध्यान में रखते हुए अब धान की नीलामी के लिए धान के रेट में कोई कमी नहीं करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही प्रदेश के सभी समितियों में उपलब्ध धान को संग्रहण केन्द्रों में ले जाकर तेजी के साथ कस्टम मिलिंग कराने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। उल्लेखनीय है कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में सरप्लस (अतिशेष) धान की नीलामी और नीलामी में प्राप्त प्रस्ताव की दरों के अनुमोदन के लिए राज्य सरकार द्वारा मंत्री-मंडलीय उप समिति का गठन किया गया है।
मार्कफेड के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में समितियों में लगभग 9.22 लाख मीट्रिक टन धान उपलब्ध है। मिलर्स द्वारा सीधे समितियों से धान उठाव और संग्रहण केन्द्रों में निरंतर परिवहन से लगभग 5.52 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव 17 दिनों में हो जाएगा। मंत्री श्री भगत ने बारिश के मौसम में समितियों में उपलब्ध धान खराब न हो इसलिए 10 जून तक धान का उठाव सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने प्रतिदिन धान परिवहन की गति में भी बढ़ोत्तरी करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। गौरतलब है कि मंत्री मंडलीय उप समिति द्वारा मोटा एवं सरना धान के लिये 1350 रुपये प्रति क्विंटल एवं इससे अधिक तथा ग्रेड-ए (पतला) धान के लिये 1400 रूपये या इससे अधिक की राशि को स्वीकृति प्रदान की गई थी। बैठक में राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री रामगोपाल वर्मा, खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक श्री निरंजन दास, मार्कफेड के प्रबंध संचालक श्री अंकित आनंद और विशेष सचिव श्री मनोज के. सोनी भी शामिल थे।