मंत्री टीएस सिंहदेव ने गोल्ड कोस्ट यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में वर्चुअल अस्पताल की कार्यप्रणाली को जाना-समझा
टीम ने आज गोल्ड कोस्ट यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक कर वहां विकसित और लागू की गई ईएमआर (इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड) प्रणाली के बारे में जाना। हॉस्पिटल के अधिकारियों ने टीम के सामने इसका प्रस्तुतिकरण दिया। वहां के विशेषज्ञों ने अस्पताल की मजबूत आईटी सिस्टम का भी प्रेजेंटेशन दिया जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग होता है। इससे बीमारियों और केस लोड की संभावना की जानकारी के साथ ही इलाज के लिए योजना बनाने और मानव संसाधन के प्रबंधन में मदद मिलती है।
गोल्ड कोस्ट यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा राज्य से गए अध्ययन दल को वर्चुअल अस्पताल भी दिखाया गया, जहां मरीज अपने घर से ही वे सभी स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं जो वे अस्पताल में प्राप्त करते हैं। वर्चुअल अस्पताल द्वारा डॉक्टर से परामर्श, निदान एवं दवाएं मुहैया कराने के बाद जहां आवश्यक हो वहां स्टाफ नर्स या संबंधित स्वास्थ्य कर्मी द्वारा घर पहुंच सेवा भी प्रदान की जाती है। इससे रोगी का समय बचता है और अस्पताल में मरीजों का दबाव कम होने से दक्षता बढ़ती है। वर्चुअल अस्पताल सेवा का उपयोग गंभीर रोगियों के लिए किया जाता है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल के अत्याधुनिक कमांड और कंट्रोल सिस्टम का अवलोकन कर इसकी कार्यप्रणाली को समझा। इसके उपयोग से वहां अस्पताल प्रबंधन की दक्षता में सुधार आया है और रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। यह प्रणाली कम लागत पर समय रहते समस्याओं की जानकारी देता है तथा योजना बनाने एवं उनका समाधान करने में मदद करता है।
गोल्ड कोस्ट अस्पताल प्रबंधन द्वारा राज्य की टीम को बिना चीरे के न्यूरोसर्जरी के बारे में भी जानकारी दी गई और इसके फायदे बताए गए। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वहां के विशेषज्ञों से विस्तृत चर्चा के बाद इसे छत्तीसगढ़ में लागू करने के लिए साझेदारी की संभावना के लिए पहल करने का निर्णय लिया है। गोल्ड कोस्ट विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य सुविधाओं के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रॉन कालवर्ट, कार्यकारी निदेशक श्री संदीप कुमार तथा वरिष्ठ प्रबंधक श्री प्रभु कन्नन की मौजूदगी में टीम ने अस्पताल की कार्यप्रणाली और व्यवस्थाओं का अध्ययन किया।