छत्तीसगढ़

मंत्री शिवकुमार डहरिया ने तेलीबांधा में सामुदायिक भवन सह व्यावसायिक परिसर का किया भूमिपूजन

Admin2
8 Jan 2021 10:01 AM GMT
मंत्री शिवकुमार डहरिया ने तेलीबांधा में सामुदायिक भवन सह व्यावसायिक परिसर का किया भूमिपूजन
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रायपुर। नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने शहीद वीर नारायण सिंह वार्ड अंतर्गत तेलीबांधा जैतखंभ के पास 1 करोड़ 58 लाख की लागत से बनने वाले सामुदायिक भवन सह व्यावसायिक परिसर निर्माण का भूमिपूजन किया। इस दौरान डॉ. डहरिया ने कहा कि सामुदायिक भवन सह व्यावसायिक परिसर निर्माण से समाज के अलावा अन्य जरूरतमंदों को आवश्यक कार्य के लिए सर्वसुविधायुक्त भवन सुलभ हो पाएगी। उन्होंने कहा कि जो भी प्रभावित परिवार है उनकों व्यावसायिक परिसर में दुकान अलॉट किया जाएगा। इसके साथ ही अन्य व्यवस्थाएं भी दी जाएगी। डॉ.डहरिया ने समाज के लोगों से मुलाकात की और सभी को एकजुट रहने के साथ बाबा गुरू घासीदास के बताए मार्ग में चलने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष यहां बाबा गुरू घासीदस की जयंती मनाई जाती है। इस दौरान कार्यक्रम के आयोजन और आसपास के लोगों को विभिन्न कार्यों के लिए भवन की आवश्यकता होती है। नए भवन बनने से आसपास स्वच्छता और समस्याएं दूर होगी। इस दौरान महापौर श्री ऐजाज ढ़ेबर, सभापति श्री प्रमोद दुबे सहित समाज के लोग उपस्थित थे।

शहीद वीर नारायण सिंह वार्ड अंतर्गत तेलीबांधा जैतखंभ के पास बनने वाले सामुदायिक भवन सह व्यावसायिक परिसर निर्माण को लेकर समाज के लोगों में भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई थी। इस दौरान समाज के लोग मंत्री डॉ. डहरिया के पास पहुचे। मंत्री डॉ. डहरिया ने दोनों पक्षों को गंभीरता से सुना और मिनटों में ही उनकी समस्या का निराकरण कर दिया। मंत्री की इस पहल से जहां दोनों पक्ष खुश दिखे। वहीं भूमिपूजन में मंत्री जी के साथ सभी ने एकजुट होकर नारियल फोड़कर इस निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। समाज के लोगों के बीच के मनमुटाव को दूर करने क अलावा डॉ.डहरिया द्वारा विवाद की स्थिति बनने से पहले ही मामले को सहज और सरल तरीके से सुलझाने पर अन्य लोगों ने भी उनकी जमकर प्रशंसा की। डॉ.डहरिया से प्रभावित होकर मौके पर उपस्थित डॉ.कमलकांत टण्डन ने इस परिसर में एक भवन की राशि अपनी ओर से दान देने की घोषणा भी की। जिसका सभी ने ताली बजाकर स्वागत किया। इस अवसर पर डॉ. डहरिया ने कहा कि निर्माण स्थल पर कुछ भ्रम की स्थिति थी, जिसे आपसी सहमति के साथ सुलझा लिया गया है और निर्माण को लेकर किसी प्रकार का कोई मतभेद या भ्रम नहीं है।

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