मंत्री केदार कश्यप का भूपेश बघेल से बड़ा सवाल, तो क्या कांग्रेस आतंकवादी संगठन है?
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार में वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा है कि चुनाव में कांग्रेस की खस्ता हालत और संगठन में हो रहे अपने विरोध से पूर्व मुख्यमंत्री इतने विचलित हो चले हैं कि अब वे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को 'स्लीपर सेल' बताकर खुलेआम अपमानित कर रहे हैं। केदार कश्यप ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने जो कुछ भी अपने कार्यकर्ताओं के बारे में कहा है, वह कांग्रेस के राजनीतिक चरित्र और कार्यकर्ताओं के प्रति कांग्रेस नेताओं के आचरण का परिचायक है।
प्रदेश के वन मंत्री कश्यप ने कहा कि 'स्लीपर सेल' शब्द का प्रयोग आतंकवादी संस्थाओं से जुड़े लोगों के लिए किया जाता है। अब बघेल को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह क्या कांग्रेस को आतंकी संगठन मानते हैं? कश्यप ने कहा कि अफजल गुरु को 'जी' कहकर संबोधित करने वाले, आतंकवादियों का साथ खड़े दिखाई देने वाले कांग्रेस के नेता अब अपने कार्यकर्ताओं को भी उसी प्रकार स्लीपर सेल की संज्ञा दे रहे हैं, यह बड़ा दुर्भाग्य है। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को स्लीपर सेल बताकर अपनी उस खीझ को जगजाहिर किया है, जो राजनांदगाँव के कार्यकर्ता सम्मेलन में पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र दाऊ वैष्णव से खरी-खोटी सुनने और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महामंत्री अरुण सिसौदिया द्वारा कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल वर्मा पर प्रदेश कांग्रेस के फंड में 5.89 करोड़ रुपए के घपले का आरोप लगाने से उपजी है, जिसमें कांग्रेस संगठन के भीतर चल रही आर्थिक अनियमितताओं के छींटे बघेल पर भी पड़ते नजर आ रहे हैं।
कश्यप ने कहा कि सरकार में रहते कार्यकर्ताओं की घोर उपेक्षा करके भ्रष्टाचार में मशगूल रहे पूर्व मुख्यमंत्री बघेल पार्टी में भी चल रहे घपलों से वाकिफ थे और अब जबकि सारा सच सामने आ रहा है तो बौखलाए पूर्व मुख्यमंत्री बघेल अपने ही कार्यकर्ताओं को स्लीपर सेल बताकर अपमानित कर रहे हैं। श्री कश्यप ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी में ही संभव भी हो सकता है। कहीं-न-कहीं से आतंकवादियों के साथ उनका संबंध हो सकता है और उन संबंधों के आधार पर अपने रिश्ते को निभाते हुए वह अपने ही कार्यकर्ताओं को भी स्लीपर सेल की संज्ञा दे रहे हैं।
प्रदेश के वन मंत्री कश्यप ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की राजनीतिक हस्ती अब गर्दिश में जा चुकी है और इसका ताजा प्रमाण यह है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने केजरीवाल के बचाव में बयान दिया, लेकिन कभी 'खानदान की आँखों के तारे' रहे भूपेश बघेल पर महादेव एप मामले में अपराध दर्ज होने पर किनारा कर लिया। स्पष्ट है, बघेल को कांग्रेस नेतृत्व दोषी मान बैठा है। हालत तो यह है कि कांग्रेस प्रत्याशी तक उन्हें अपने क्षेत्र में चुनावी सभाओं के लिए बुलाने से भी कतरा रहे हैं। बघेल की विचलित मनोदशा की वजह यही है कि एक तरफ कांग्रेस कार्यकर्ता मुँह फेर रहे हैं तो दूसरी तरफ शीर्ष नेतृत्व कन्नी काट रहा है। सवाल अब यह है कि क्या भूपेश पर इतना ही भरोसा था? कश्यप ने कहा कि बेमेतरा में बंगाल के रोहिंग्याओं को किसान बताकर किसान सम्मान निधि का पैसा दिलवाकर बघेल ने फर्जीवाड़ा किया और करीब करोड़ों रु. इन खातों मे भेजा।