नगर निगम में 27 करोड़ का होर्डिंग्स घोटाला
महापौर ने 4 फाइनेंस एक्सपर्ट की मदद लेकर अधिकारियों का खोला काला चिट्ठा
टेंडर में भी अनियमितताएं, किसी को 900 तो किसी को 400 रुपए के दर से टेंडर मंजूर किया
अधिकारियों ने मनमानी कर एड एजेंसियों से मिलकर किया होर्डिंग घोटाला
अवैध चौक टूटेगा, जिम्मेदारों पर होगी एफआईआर: एजाज ढेबर
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर । महापौर एजाज ढेबर के संज्ञान में लिए बगैर अधिकारियों ने अवैध चौक का निर्माण करने के साथ होर्डिंग लगाने में भी मनमानी कर 27 करोड़ का घोटला कर अपने करीबी एड एजेंसियों को बंदरबाट में हिस्सेदार बनाया । इस मामले में महापौर को भी अंधेरे में रखा गया। जब इसकी भनक महापौर को लगी तब मामले की तहकीकात करने महापौर ने चार फाइनेंस एक्सपर्ट से मामले की तह तक जांच कराई । मामला 27 करोड़ के अधिक का घोटाला उजागर होते ही महापौर एजाज ढेबर ने अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
राजधानी रायपुर में होर्डिंग घोटाला का बड़ा मामले सामने आया है। नगर निगम के अफसरों ने एड एजेंसियों से पैसे लेकर जहां मन में आया वहां पोल लगवाकर होर्डिंग लगवा दी। इतना ही नहीं, रायपुर के माता सुंदरी स्कूल के सामने चौराहे पर एक ठेकेदार को काम देकर वहां अपनी मर्जी से चौराहा बनवा दिया। इसकी जानकारी न पार्षद को है, न कलेक्टर को न विधायक को न ही खुद निगम के महापौर को है।
महापौर से छुपाकर अफसरों ने 27 करोड़ का घपला किया है। जिसको लेकर अब महापौर एजाज ढेबर ने कहा है कि होर्डिंग घोटाला करने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी, एफआईआर करवाएंगे और अवैध चौक को तोडऩे के आदेश दिया गया है। निगम के अफसरों की गड़बड़ी को खुद महापौर एजाज ढेबर ने पकड़ा है । उन्होंने बताया कि मेरी जानकारी के बगैर अधिकारियों ने होर्डिंग के टेंडर का काम दे दिया। मनमानी ढंग से रेट दिए गए। माता सुंदरी स्कूल के पास बने चौक को लेकर कहा कि इसे किसने बनाया और काम कौन कर रहा है इसकी किसी को जानकारी नहीं है। उसकी तलाश की जा रही है। इसमें भी अधिकारियों की मिलीभगत होगी। जिस पर कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों ने किया कांड
महापौर एजाज ढेबर ने एमआईसी की बैठक के बाद कहा- मैंने जांच में पाया है कि जो अभी होर्डिंग्स लगी हैं उनमें अनियमितता है। जिसे मन चाहा टेंडर दिया गया है। 15 बाय 9 की साइज को मनमानी ढंग से 18 बाय 18 किया गया। रेट जो लगने थे नहीं लगे। एमआईसी में रेट फाइनल करने का प्रस्ताव आना चाहिए था, नहीं आया। शहर में बेतरतीब होर्डिंग, युनिपोल लग गए वो होर्डिंग अवैध है।
महापौर ने आगे कहा- 7 लोगों की समिति बनाई गई है। मैं भी समिति में हूं, मेरे आंकलन के मुताबिक करीब 27 करोड़ का घोटाला हुआ है। महापौर होने के नाते मैं चाहता हूं कि निगम का राजस्व बढ़े, मगर ऐसी बढा़ेतरी नहीं चाहिए, अफसरों ने एड एजेंसियों के मुताबिक काम कर दिया है। जो भी अधिकारी इसमें शामिल होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इतने दिनों तक आपको जानकारी कैसे नहीं हुई और अब कार्रवाई क्यों कर रहे हैं ये पूछे जाने पर महापौर ने कहा- जो बचते रहता है वो सही है जो पकड़ा गया चोर है, बहुत दिन से ये चल रहा था। अब पकड़ में आया है, मुझे 20 दिन लगे स्टडी करने में कागजों में घुमाकर काम किया गया है। इसके लिए मैंने 4 एक्सपर्ट लोगों से बात की 2 आदमी बाहर से बुलाए गए। तब पता लगा कि गड़बड़ी हुई है। 27 करोड़ का नुकसान जो हुआ उसकी भरपाई हम करेंगे। किसी एजेंसी को 900 रुपए में काम दिया किसी को सिर्फ 400 रुपए में।
महापौर ने बताया - यदि मैं संतुष्ट नहीं हुआ तो लोकायुक्त में जाउंगा, ये मामला शहर की सुरक्षा की दृष्टि से जुड़ा है। अगर कल को कोई हादसा हुआ तो जवाब दार कौन होगा। कंपनियों ने लॉस बताया उन्हें भी काम दिया गया है। जिनके चेक बाउंस हुए ऐसी कंपनियों को काम दिया गया है। मगर इसमें अब जितने होल्डिंग्स लगे हैं सबको नापा जाएगा, सबके टेंडर ऑनलाइन किया जाएगा। यहां से नहीं होगा तो जहां जी भी जाना पड़े चाहे सीएम के पास जाना पड़े जाएंगे। क्योंकि ये रायपुर के विकास से जुड़ा मुद्दा है। वसूली की जाएगी, अफसरों का निलंबन होगा, एफआईआर होगी। टेंडर को रदद् भी करेंगे।
कौन बना रहा है, क्यों बना रहा है, किसने अनुमति दी
रायपुर के इस चौराहे को कौन बना रहा है, क्यों बना रहा है, किसने इसकी अनुमति दी, इसका बजट कहां से आया। इस सवाल का जवाब देते हुए महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि ये किसी को नहीं पता। ये पूछे जाने पर कि इसके पीछे कौन लोग हैं जो काम कर रहे हैं, महापौर ने कहा उन्हें ढूंढना पड़ेगा शहर के बाकि हिस्सों का विकास उन्हीं से करवाएंगे। इसके बाद महापौर ने कहा कि ये चौक अवैध है। इसे तोडऩे के आदेश एमआईसी की बैठक में दे दिए गए हैं। किसने बनाया ये चौराहा इसकी जांच करेंगे। ये चौराहा रायपुर के माता सुंदरी स्कूल के पास है ये सड़क कलेक्टर दफ्तर, घड़ी चौक और पंडरी को जोड़ती है। चौराहे पर काले रंग के ग्रेनाइट पत्थर लगा दिए गए हैं जो हादसों का कारण बन सकते हैं। इसके निर्माण की जानकारी ही किसी को नहीं है ये सरकारी एजेंसियों के हाल को बयां करने को काफी है।