एमबीए स्टूडेंट ने काॅलेज प्रबंधन के खिलाफ की शिकायत, दाखिला निरस्त करने का आरोप
बिलासपुर। एमबीए में प्रवेश कराने के 5 महीने बाद काॅलेज प्रबंधन की ओर से अचानक दाखिला निरस्त किए जाने से छात्रों में गुस्सा है. मामला बिलासपुर के तोरवा थात्रा क्षेत्र से सामने आया है. बिलासपुर चौकसे महाविद्यालय में एमबीए में पढ़ रहे बच्चों का अचानक दाखिला निरस्त कर दिया. नाराज छात्रों ने थाने पहुंचकर शिकायत की है.
चौकसे महाविद्यालय में छात्रों ने एमबीए पाठ्यक्रम में अक्टूबर 2022 में प्रवेश लिया था. सभी के पास रसीद है. सभी विद्यार्थियों से रजिस्ट्रेशन फीस और वाहन फीस भी लिया गया है, जिसकी रसीद भी बच्चों के पास है. अक्टूबर से ही नियमित कक्षाएं भी शुरू कर दी गईं, जिसमें ये सभी बच्चे शामिल हुए. नियमित कक्षाएं लगभग 5 महीने तक चलीं. अचानक फरवरी माह 2023 में उन सभी विद्यार्थियों को बताया गया कि उनका प्रवेश सीएसवीटीयू के तीसरे चरण की काउंसिलिंग न होने के कारण निरस्त कर दिया गया है.
तोरवा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे पीड़ित विद्यार्थियों का आरोप है कि "किसी भी विद्यार्थी को पहले से प्रवेश के समय इस बात की जानकारी नहीं दी गई थी. बच्चों को ये नहीं पता था कि यदि सीएसवीटीयू के माध्यम से तीसरे चरण की काउंसिलिंग नहीं होती तो आपका प्रवेश मान्य नहीं होगा. सेमेस्टर परीक्षा के समय उन सभी विद्यार्थियों से प्रवेश शुल्क, रजिस्ट्रेशन शुल्क और परिवहन शुल्क लेकर उनका प्रवेश निरस्त करना गलत है."