धमतरी। राज्यपाल अनुसुइया उइके बालोद जिले के राजाराव पठार के प्रवास के दौरान रत्नाबांधा रोड स्थित शासकीय रेस्ट हाउस में सुबह 11 बजे अल्प विश्राम के लिए रुकीं। महापौर विजय देवांगन, एसपी प्रशांत ठाकुर और जिला पंचायत की सीईओ प्रियंका महोबिया ने उनसे मुलाकात की। जिले में शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन एवं प्रशासनिक गतिविधियों के संबंध में संक्षिप्त चर्चा की। राज्यपाल उइके राजाराव पठार में आयोजित वीर मेला में शिरकत करने के लिए प्रस्थान हुईं। इस अवसर पर अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक, एएसपी मेघा टेंभुरकर सहित अधिकारी उपस्थित थे।
उन्होंने मीडिया से चर्चा में आरक्षण बिल पर साफ किया कि वो बिना सोचे समझे बिल पर हस्ताक्षर नहीं करेंगी। परीक्षण करने के बाद ही हस्ताक्षर करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने सरकार से सिर्फ जनजाति आरक्षण बढ़ाने के लिए विशेष सत्र बुलाने के लिए कहा था। राज्यपाल सुश्री उइके राजाराव पठार में आयोजित वीर मेला में शिरकत करने रवाना हुर्इं।
उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा सौंपे गए आरक्षण विधेयक बिल पर बड़ा बयान दिया। राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार से जनजाति समाज के लिए आरक्षण को लेकर विशेष सत्र बुलाने कहा था, लेकिन सरकार ने जो संशोधन बिल लाया। सवाल यह कि जब 58 प्रतिशत पर कोर्ट अवैधानिक घोषित करता है, तो बढक़र आए विधेयक बिल 76 प्रतिशत पर आगे क्या होगा। केवल आदिवासी जनजाति समाज का संशोधन कर 20 से 32 प्रतिशत किया जाता, तो मैं तुरंत हस्ताक्षर कर देती। इसमें कोई दिक्कत नहीं थी, क्योंकि उसका प्रतिशत व डाटा सरकार के पास है। तकनीकी पहलू आया है, मेरे सामने जो डाटा है, कैसे रोस्टर की तैयारी हुई, यह सवाल है। मैं हस्ताक्षर करती हूं, तो स्थिति पहले जैसे ही हो जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि मैं जानना चाहती हूं कि सरकार ने किसे आधार मानकर आरक्षण बढ़ाया है। यदि मामला फिर से उलझा, तो किसी को फायदा नहीं होगा। सभी समाज के लोगों ने आवेदन देकर मांग रखी है कि विधेयक बिल पर जांच करें। विभिन्न आवेदनों का परीक्षण कर रही हूं। बगैर सोचे समझे हस्ताक्षर नहीं करूंगी। जांच-परीक्षण के बाद ही हस्ताक्षर करूंगी।