नारायणपुर। जिले की लोक संस्कृति, देव मान्यता, परंपरा का प्रतीक मावली मेले का पूरी श्रद्धा आस्था एवं उल्लास के साथ मुख्यालय में आगाज हुआ। इस क्रम में मेले का विधिवत शुरूवात माता मावली मंदिर मे पारंपरिक पूजा अर्चना परघाव के साथ हुआ। यहां आस पास के ग्रामों के स्थानीय देवी देवताओं के समागम के साथ जुलूस निकाल कर मेला स्थल मे ढाई परिक्रमा की रस्म पूरी की गई। इस रस्म के दौरान जगह जगह ग्रामीणों द्वारा सभी देव विग्रहों के प्रतीक स्वरूप डंगई, लाठ, डोली, छत्र की पारंपरिक पूजा अर्चना किया गया। समागम स्थल में माता मावली, कोट गुड़ीन, शीतला माता, कोकोड़ी करीन, तेलवाड़ीन माता, कंकालीन माता, सोनकुंवर, भीमादेव सहित स्थानीय देवी देवताओं के आगमन से उपस्थित जनमानस श्रद्धा और आस्था से भाव विभोर हो गया। इनके साथ सिरहा पुजारी एवं गायता भी मौजूद थे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि नारायणपुर विधायक एवं अध्यक्ष हस्त शिल्प विकास बोर्ड श्री चंदन कश्यप ने अपने उद्बोधन मे कहा कि जिले का मावली मेला देश विदेश मे अपनी संस्कृति और मान्यताओं के चलते एक अलग पहचान रखता है। अबुझमाड़ की संस्कृति एवं रहनसहन से परिचित कराने वाले इस ऐतिहासिक मेले का आकर्शण आज भी बरकरार है। यहीं कारण है कि देश विदेश से सैलानी इसे देखने आते रहे है। इसके साथ ही उन्होने आगे कहा कि इसी उद्देश्य से शासन द्वारा आदिम समाज की संस्कृति को संरक्षित करने एवं उसेे अंक्षुण्ण रखने के लिए विशेश तौर पर देवगुड़ी एवं गोटूल का निर्माण किया जा रहा हैै। इसके साथ ही उन्होने इस आयोजन के लिए जनप्रतिनिधियों तथा जिला प्रशासन द्वारा किये गये व्यवस्थाओं के लिए उनकी सराहना की।