छत्तीसगढ़
माता कौशल्या मंदिर को मिला नया रूप: भगवान राम की 51 फीट ऊंची प्रतिमा भी स्थापित
jantaserishta.com
8 Oct 2021 4:30 AM GMT
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लेजर शो और आतिशबाजी के बीच मुख्यमंत्री ने चंदखुरी में किया लोकार्पण
रायपुर (जसेरि)। छत्तीसगढ़ में माता कौशल्या मंदिर को नया रूप मिल गया है। मंदिर के जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण के बाद गुरुवार को इसका लोकार्पण हो गया। देर शाम लेजर शो और आतिशबाजी के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रियों-विधायकों के साथ पहुंचकर इसका लोकार्पण किया। चंदखुरी में नए आकर्षण के तौर पर स्थापित भगवान राम की 51 फीट ऊंची प्रतिमा का भी अनावरण किया गया। गुरुवार को करीब 3 बजे रायपुर से रवाना हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सबसे पहले चंदखुरी स्थित राज्य पुलिस अकादमी के मैदान में पहुंचे। वहां उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठाया। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री ताम्रध्वज साहू, शिव कुमार डहरिया और रविंद्र चौबे ने संबोधित किया। बाद में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का सिलसिला फिर शुरू हो गया। महासमुंद की नंद कुमार साहू मानस मंडली ने मंच पर भगवान राम का गुणगान शुरू किया तो मुख्यमंत्री अपनी सीट छोड़कर मंडली के बीच बैठ गए। उन्होंने खंजड़ी बजाकर संगत की और रामधुन गाया। बाद में मुख्यमंत्री और मंत्री-विधायक कौशल्या माता मंदिर परिसर पहुंचे। वहां लोकार्पण के बाद मंदिर में माता कौशल्या और भगवान राम की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। वहां से बाहर निकलने के बाद मुख्यमंत्री ने भगवान राम की विशाल प्रतिमा का अनावरण किया।
आज शाम रामलीला का मंचन होगा
अधिकारियों ने बताया, शुक्रवार को चंदखुरी में भिलाई की स्वामी महिला मानस मंडली की नूतन साहू और उनके दल के कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। राजनांदगांव के एकता मानस परिवार के भागवत सिन्हा और साथियों तथा भाटापारा सुन्दरकांड समिति के हरगोपाल शर्मा और उनके दल के कलाकार भी भगवान राम की गाथा सुनाएंगे। शाम को रिसामा की श्रीराम लीला मंडली के लेखुराम साहू और उनकी मंडली के कलाकारों द्वारा राम लीला का मंचन किया जाएगा।
शनिवार को होगी सुनो रे राम कहानी
शनिवार को अतिथियों के उद्बोधन के बाद दोपहर 2.30 बजे से सीतापुर, सरगुजा की भजन मंडली के सुशील मिश्रा और साथी अपनी प्रस्तुति देंगे। देवगढ़, सरगुजा की विष्णुधाम रामायण मंडली के धनुषधारी दास और उनकी मंडली के कलाकार, केरजु, सरगुजा की उत्तेश्वर मानस मंडली के मनोहर धुरवे और उनके साथी तथा सरगुजा की रामकृष्ण रामायण मंडली के लुकेश्वर प्रजापति और साथियों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। उसके बाद मुम्बई के सत्यनारायण मौर्य और साथी 'सुनो रे राम कहानीÓ की प्रस्तुति देंगे।
ऐसी है भगवान राम की छत्तीसगढ़ स्थिल ननिहाल
रायपुर से 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चंदखुरी चंद्रवंशी राजाओं की राजधानी रही है। यह भगवान राम की माता कौशल्या जन्मस्थली है। चंदखुरी126 तालाबों को लिए अपनी विशेष पहचान रखती है। गांव में जलसेन तालाब के बीच माता कौशल्या का प्राचीन मंदिर है। इसे दुनियाभर में माता कौशल्या का इकलौता मंदिर माना जाता है। मंदिर में रामलला की माता कौशल्या की गोद में विराजमान प्रतिमा है। सरकार ने माता कौशल्या मंदिर एवं परिसर का 15 करोड़ 45 लाख रुपए की लागत से सौंदर्यीकरण एवं जीर्णोद्धार कराया है।
ऐसी है राम वन गमन पथ की परिकल्पना
सरकार ने विभिन्न सांस्कृतिक, साहित्यिक और लोक स्रोतों के आधार पर भगवान राम के वनवास से जुड़े 75 स्थानों को चिन्हित किया है। इसे ही राम वन गमन पथ पर्यटन परिपथ के तौर पर विकसित किया जाना है। योजना के पहले चरण में कोरिया से सुकमा तक 9 स्थलों को विकसित करने की योजना है। इसमें सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण-खरौद (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), सिहावा-सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), रामाराम (सुकमा) का विकास किया जा रहा है।
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