सूरजपुर। कलेक्टर इफ्फत आरा के निर्देश पर पूरे जिले में बाल विवाह रोकने को संयुक्त टीम सक्रिय है। अक्षय तृतीया को विवाह को विशेष तिथि माना जाता है। इस अवसर का लाभ उठा कर बाल विवाह करने वालों पर प्रशासन की पैनी नजर बनी हुई है। पूर्व में भी जिले के कलेक्टर, जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा जिले वासियों से बाल विवाह नहीं करने हेतु अपील की गयी थी।
जिले के कलेक्टर सुश्री इफ्फत आरा जिला पंचायत सीईओ श्री राहूल देव के निर्दश पर श्री सी.एस. सिसोदिया के मार्गदर्शन में संयुक्त टीम बाल विवाह रोकने हेतु सक्रिय है। जिले में कई वर्षो से उक्त सामाजिक कुरीती को दूर करने के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जागरुकता कार्यक्रम भी किये जाते रहे हैं। ग्रामीणों को जिला बाल संरक्षण अधिकारी एवं उनकी टीम को सीधे बाल विवाह न करने की जानकारी देने लगे हैं।
जिले में अक्षय तृतीया के मौंके पर होने वाले बाल विवाह की सूचना पर संयुक्त टीम ने तीन दिनों में 10 बाल विवाह रोके है। जिसमें 06 लड़की एवं 04 लड़को का विवाह होना था। रोके गये बाल विवाह 05 बाल विवाह जमदई, 02 बाल विवाह कन्दरई विकास खण्ड 01 बाल विवाह, ग्राम पिउरी विकास खण्ड रामानुजनगर एवं कटिंदा एवं बुंदिया विकास खण्ड भैयाथान में एक बाल विवाह रोका गया। उपरोक्त बाल विवाह में दो लड़कियों का विवाह मात्र 14 वर्ष दो बालिकाओं का मात्र 15 एवं 15 वर्ष छः माह की उम्र में दो लड़कीयों का साढे 17 वर्ष की आयु में एवं लड़को की आयु 18 वर्ष से लेकर 20 वर्ष की आयु में करते हुए पाया गया। सभी स्थानों पर इस आशय का पंचनामा तैयार कर उक्त बाल विवाह को रोका गया, और विवाह की उम्र हो जाने पर किया जायेगा। बालिका, बालक का कथन, माता-पिता का कथन एवं शपथ पत्र लिया गया।
दो स्थानों पर टीम को धोखे में डालने के लिए उसके आधार कार्ड में कुट रचना कर तिथि को बदल कर आधार को प्रस्तुत किया गया। शंका पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने जांच कराने और अपराध पंजीबद्ध करने की बात करने पर पता चला कि आधार कार्ड के जन्म तिथि में कुट रचना कर वर्ष को बदल गया है। बाद में समझाइश पर विवाह नहीं करने को सभी मान गये।