महिला नक्सली की मौत को माओवादियों ने बताया शासन-प्रशासन की साजिश, 25 अप्रैल को बंद का किया ऐलान
दंतेवाड़ा। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZC) की सदस्य हार्डकोर महिला नक्सली निर्मला उर्फ नर्मदा दीदी की इलाज के दौरान मौत हो गई है। निर्मला ने महाराष्ट्र के जेल में 9 अप्रैल को दम तोड़ा है। बताया जा रहा है कि इस पर लगभग 25 लाख रुपए का इनाम घोषित था। वहीं निर्मला की मौत को साथी माओवादियों ने शासन प्रशासन की साजिश बताया है। इसी विरोध में और निर्मला की याद में माओवादियों ने 25 अप्रैल को दंडकारण्य (दक्षिण छत्तीसगढ़) बंद का आह्वान किया है। माओवादियों ने पर्चा जारी कर लोगों से बंद को सफल बनाने की अपील की है।
माओवादियों के उत्तर सब जोनल ब्यूरो की प्रवक्ता मंगलि ने प्रेसे नोट जारी किया। प्रेस नोट के माध्यम से मंगलि ने कहा कि नर्मदा साल 2018 से किसी गंभीर बीमारी का शिकार हुई थी। हैदराबाद के एक अस्पताल में इलाज के लिए गई हुई थी। लेकिन, जुलाई साल 2019 में महाराष्ट्र की खुफिया एजेंसी को निर्मला के बारे में पता लगा और उसे अस्पताल से ही गिरफ्तार कर लिया गया था। जिस पर 100 से ज्यादा झूठे मामले लगाए गए और उन्हें झूठे आरोपों में जेल में डाल दिया गया। नक्सली मंगलि ने कहा कि निर्मला बीमार थी, जिसका शासन-प्रशासन जानबूझ कर सही से इलाज नहीं करवा रहा था। बेहतर इलाज के अभाव में उसने दम तोड़ दिया।