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रायपुर। आरपीएफ में बड़ी संख्या में थोक में इंस्पेक्टरों के तबादले होने वाले है. ये सभी वो इंस्पेक्टर है जिनका टेंयूर 3 साल का पूरा हो गया है. आरपीएफ के नियमों के मुताबिक एक इंस्पेक्टर का टेंयूर 3 वर्षों का होता है, इसके बाद 1 साल का एक्सटेंशन दिया जा सकता है, लेकिन इसके पीछे का ग्राउंड और आरपीएफ अधिकारियों के निर्णय पर ये निर्भर करता है. आरपीएफ सूत्रों के मुताबिक तीनों मंडलों से इंस्पेक्टरों से उनकी तीन च्वाईस मांगी गई थी, जो उन्होंने अपने रेल मंडल में भेज दी है. जिसके बाद अब वो सारे आवेदन बिलासपुर जोन भेजे जाने की तैयारी है. विभाग में तबादलों के पहले कयासों का दौर भी शुरू हो गया है. सब अपनी-अपनी मनपंसद पोस्टिंग के लिए एक दूसरे से इसका तरीका जानना शुरू कर चुके है. हालांकि सूत्र बताते है कि इस बार पोस्टिंग में पर्फामेंस को आधार मानकर ही की जाएगी. विभाग में एक अनाधिकृत चर्चा ये भी है कि इस बार ज्यादातर महिला इंस्पेक्टरों को थाने और सीआईबी जैसी जिम्मेदारी न देकर ऑफिस में पदस्थ किया जाएगा. हालांकि ये सिर्फ कयास है और इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है.
सूत्रों का दावा है कि आरपीएफ के दिल्ली में बैठे अधिकारियों ने कहा है कि पोस्टिंग में च्वाईस का ध्यान रखा जाना चाहिए. यही कारण है रेलवे के सभी जोन में पिछले दिनों जितने भी ट्रांसफर हुए है इसमें सभी की च्वाईस का (नियमों के मुताबिक) ध्यान रखा गया है. छले दिनों दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन में भी हुए सब इंस्पेक्टरों की पोस्टिंग में नियमों के मुताबिक मांगी गई च्वाईस को ध्यान में रखकर पोस्टिंग की गई थी. आरपीएफ में ट्रांसफर पोस्टिंग का पूरा अधिकार आईजी के पास होता है. सूत्र बताते है कि वर्तमान आईजी काम करने वाले इंस्पेक्टरों की परख रखते है और इसी परख के आधार पर ही इस बार पोस्टिंग किए जाने की उम्मीद है. हालांकि उनसे सीधी बातचीत करने वाले कुछ लोग विभाग में पोस्टिंग कराए जाने को लेकर तरह-तरह की बातें कर रहे है. लेकिन आईजी को करीब से जानने वाले लोग बताते है कि इस बार पोस्टिंग में किसी की दाल नहीं गलने वाली है और पर्फामेंस के आधार पर ही इंस्पेक्टरों को पोस्टिंग दी जाएगी.
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