नारायणपुर। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान जिला नारायणपुर राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग कार्यक्रम के अंतर्गत मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का आठवा चरण 15 जून 2023 से प्रारम्भ होकर 10 जुलाई 2023 तक क्रियान्वयन कर सफलतापूर्वक अभियान चलाया जा रहा है। बस्तर संभाग में अधिकांस क्षेत्र अबुझमाड़ का क्षेत्र आता है, जो पूर्व में मलेरिया से अधिक प्रभावित क्षेत्र रहा है। अभियान के दौरान सात चरणों में लक्ष्य जनसंख्या को आर.डी. कीट के माध्यम से मलेरिया जांच कर पूर्ण उपचार कराई गई। आठवा चरण में कुल जनसंख्या 1 लाख 52 हजार 552 को आरडी कीट के माध्यम से मलेरिया जांच किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए कुल सर्वे दलों का संख्या 145 एवं कुल सर्वे दलो सदस्यों की संख्या 513 तथा कार्य को सुचारू रूप से सुपरविजन एवं मानिटरिंग के लिए 22 सुपरवाइजरो की दुपटी लगाई गयी है। पॉजिटिव केस आने पर तत्काल अपने समक्ष ही प्रथम डोज स्वास्थ्य कार्यकर्ता (दल के प्रथम सदस्यो) द्वारा एंट्री मलेरिया ड्रग्स खिलाया जाएगा। जहाँ द्वितीय व तृतीय डोज मितानिनों के निगरानी में दी जाती है ताकि मरीज का पूर्ण ईलाज हो सके। विगत 14 जून 2023 कोे सर्वे दलो को प्रशिक्षण देकर अभियान संबंधित समाग्री प्रदाय की गई है, तथा 15 जून 2023 से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. टी.आर कुंवर के मार्गदर्शन में छोटेडोगर से अभियान की शुरूआत की गई।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य मागेश्वरी माझी, सरपंच ग्राम पंचायत छोडोगर के हरिराम माझी, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. आदित्य केक्ती, जिला मलेरिया सलाहकार डॉ. परमानंद बघेल, डॉ सतीश सम्भारकर, राज्य सलाहकार दिनेश चन्द्रा एवं छोटेडोगर सीएचसी प्रभारी को अमन दास के द्वारा लोगो निम्न जानकारी दी गई। 21 जून 2023 तक कुल 34 हजार 910 लोगों को आरडी कीटके से मलेरिया जाय किया गया, जिसमें 272 मलेरिया सकारात्मक रोगी मिले, जिन्हे पुर्ण उपचार दिए गये है। मलेरिया से प्रभावित मरीजों का पूर्ण उपचार हेतु लोकल खाद्य पदार्थ एवं चिक्की प्रदाय, मरीजो का पूर्ण दवाई खुराक खिलाने के लिए जिला स्तर पर स्वास्थ्य साथियों का सहयोग, लोकल भाषा में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक, आर.डी. कीट से जांच पर मलेरिया पॉजिटिव आने पर पूर्ण उपचार किया जा रहा है। पॉजिटिव आने पर तुरंत उन्ही मरीजों का स्लाईड बनाकर जांच की जा रही है। यदि कोई पॉजिटिव आता है तो पुनः पूर्ण उपचार भी किया जाएगा। इसके अलावा मलेरियारोधी दवा लेपित मरदानी अधिक से अधिक उपयोग हेतु नागरिको प्रेरित तथा घर के दिवारों पर मलेरियारोधी दवाई का छिडकाव कराने हेतु लोगो को आव्हान किया जाता है। लक्ष्य जनसंख्या में पाजिटिविटी दर को कम करने हेतु मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान कर न्युनतम वार्षिक परजीवी सुचकांक तक लाने का लक्ष्य रखा गया है।