छत्तीसगढ़

चिकित्सालय पहुंचने वाले मरीज का तत्काल ईलाज प्रारंभ करना सुनिश्चित करें: कलेक्टर

Shantanu Roy
29 Aug 2024 5:32 PM GMT
चिकित्सालय पहुंचने वाले मरीज का तत्काल ईलाज प्रारंभ करना सुनिश्चित करें: कलेक्टर
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Rajnandgaon. राजनांदगांव। कलेक्टर संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में आज यहां जिले में संचालित जिला चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कालेज, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, नर्सिंग होम एवं अन्य चिकित्सकीय संस्थानों के सुरक्षा की व्यवस्थाओं के संबंध में आवश्यक बैठक हुई। बैठक में पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग विशेष रूप से उपस्थित थे। बैठक में कलेक्टर संजय अग्रवाल ने चिकित्सा से संबंधित क्लीनिक एवं अन्य चिकित्सकीय संस्थानों संचालकों से कहा कि चिकित्सकीय सेवा सबसे महत्वपूर्ण मानवीय सेवा हैं। इसकों बेहतर बनाए रखने के लिए हमें विशेष रूप से ध्यान देना है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकीय संस्थानों में जब भी मरीज ईलाज के लिए आते हंै, तो उन्हें चिकित्सक तत्काल समय देकर उनका ईलाज प्रारंभ करें। उनका समय पर ईलाज सुनिश्चित करें, इससे किसी अनावश्यक समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही अपनी संस्था की विश्वसनीयता को बनाए रखने का प्रयास करें। इसके अलावा संस्था में सभी प्रकार के आवश्यक सीसीटीवी कैमरे एवं अन्य
सुरक्षा
व्यवस्थाओं को बनाए रखें। आवश्यकता पडऩे पर सीसीटीवी कैमरे के साक्ष्य काम आते हंै। इसके अलावा संस्थान के आस-पास अवांछित लोगों की भी निगरानी होती है और आवश्यकता पडऩे पर उन पर कार्रवाई भी की जा सकती है। उन्होंने सभी चिकित्सकीय संस्थान के संचालकों से आग्रह करते हुए कहा कि मरीजों की सेवा करना एक सम्मानीय एवं महत्वपूर्ण सेवा है, मरीजों के त्वरित ईलाज का प्रयास करें। इससे मरीजों के परिजनों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी और उनके आक्रोश का भी सामना नहीं करना पड़ेगा। चिकित्सक अपने व्यवहार पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित करने के साथ ही समय पर त्वरित रिस्पांस सुनिश्चित करें। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने कहा कि सभी चिकित्सकीय संस्थान अपने यहां आवश्यक सीसीटीवी कैमरा लगाना सुनिश्चित करें, ताकि चिकित्सालय में होने वाली किसी भी घटना की जानकारी साक्ष्य के रूप में रखी जा सकेगी। इसके अलावा संस्थान के आस-पास लोगों की भीड़ एवं उनकी निगरानी आसानी से की जा सकेंगी। इन कैमरों में गुणवत्तापूर्ण हार्ड डिस्क लगवाएं और कम से कम छह माह तक का बैकअप रखें।

इन सभी कैमरों को कंट्रोल रूम के कैमरों से जोड़ दिया जाएगा। साथ ही संस्थान में गार्ड की व्यवस्था सुनिश्चित करें, गार्ड यूनिफार्म में हो और प्रशिक्षित भी हों, ताकि आमजन एवं मरीज के परिजनों से अच्छी तरह से बातचीत कर सके। इसके अलावा संस्थान में फायर सिस्टम उपकरण भी सुव्यवस्थित रखें। समय पर उसकी रिफलिंग होती रहे और सक्रिय रहें, इसका विशेष ध्यान रखें। गर्ग ने कहा कि थानों को निर्देश दे दिया गया है कि वे समय-समय पर चिकित्सकीय संस्थानों का साप्ताहिक निरीक्षण करते रहें और जानकारी रखें। इसकी एक चेक लिस्ट भी तैयार कर लें। एक माह में एसडीओपी निरीक्षण करेंगे, वही एडिशनल एसपी तीन माह में इनका निरीक्षण सुनिश्चित करेंगे। थाना क्षेत्र अपने क्षेत्र में आने वाले चिकित्सकीय संस्थानों का नंबर रखेंगे। सभी चिकित्सकीय संस्थान जो बेसिक नंबर है, जिनमें कंट्रोल रूम, स्थानीय थाना, सीएसपी, एडिशनल एसपी एवं एसीपी के नंबर रखें, ताकि आवश्यकता पडऩे पर सूचनाओं की जानकारी उपलब्ध हो सकें। गर्ग ने कहा कि चिकित्सकीय संस्थान अपने यहां पोर्टेबल बैरियर भी रखें, ताकि इसका उपयोग भीड़ इत्यादि में किया जा सकें। इसके अलावा चिकित्सकी संस्थान परिसर में वाहन पार्किंग करने वाले वेंडर मरीजों के परिजनों से अच्छा व्यवहार करें। इसके अलावा मेडिकल कालेज एवं नर्सिंग संस्थान में जहां हॉस्टल संचालित है, वहां के छात्र आने जाने के समय एवं अनुशासन का पालन सुनिश्चित करें। बैठक में विभिन्न चिकित्सकीय संस्थान संचालकों ने अपने-अपने सुझाव रखें। बैठक में यह भी सुझाव दिया गया कि चिकित्सकीय संस्थान में परिजनों एवं अन्य जनों द्वारा अव्यवस्था एवं नियमों का पालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई के संबंध में बोर्ड पर विस्तार से जानकारी अंकित करा कर रखें। इसके अलावा चिकित्सक मरीज के परिजनों के साथ-साथ अन्य लोगों को भी समझाईश दें, साथ ही प्रतिदिन मरीज के परिजनों की काऊंसिलिंग सुनिश्चित करें, मरीज की स्थिति के बारे में बताएं, इससे किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं हो सकेगी। बैठक में अपर कलेक्टर इंदिरा नवीन प्रताप सिंह तोमर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरतन, सभी एसडीओपी, जिले के सभी चिकित्सा संस्थान प्रमुख उपस्थित थे।
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