9 राइस मिलरों पर बड़ी कार्रवाई, कस्टम मिलिंग में लापरवाही का आरोप
रायपुर। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के कस्टम मिलिंग का चावल समय पर भारतीय खाद्य निगम और नागरिक आपूर्ति निगम में जमा करने में लापरवाही बरतने वाले 9 राइस मिलरों पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। जिला खाद्य अधिकारी श्रीमती श्वेता अग्रवाल ने बताया कि तहसीलदार, सहकारिता विस्तार अधिकारी, खाद्य निरीक्षको और मार्कफेड के अधिकारियों की संयुक्त टीम द्वारा राईस मिलों में भौतिक सत्यापन किया गया। भौतिक सत्यापन में पाये गये धान की मात्रा का मिलान ऑनलाईन रिपोर्ट से करने पर कम पाए जाने पर कुल 2 लाख 5 हजार 229.20 क्विंटल धान जप्त की गई। खाद्य अधिकारी ने बताया कि मेसर्स जे.पी. अग्रवाल सन्स कोल्ड स्टोरेज प्राइवेट लिमिटेड अजनी गौरेला के राइस मिल में भौतिक सत्यापन में धान और चावल की मात्रा का मिलान किया गया। ऑनलाईन रिपोर्ट के अनुसार धान एवं चावल का स्टाक नहीं पाये जाने 20041.20 क्विंटल धान जप्त किया गया।
इसी तरह धान एवं चावल की मात्रा का मिलान ऑनलाईन रिपोर्ट से करने पर कम पाए जाने पर मेसर्स जेपी अग्रवाल एग्रोटेक अंजनी गौरेला के राईस मिल में 18650 क्विंटल धान की जप्ती की गई। मेसर्स गर्ग फूड प्रोडक्टस गौरेला के राईस मिल में 38892 क्विंटल धान, मेसर्स मां नर्मदा एग्रोटेक गौरेला के राईस मिल में 33292 क्विटल धान, मेसर्स मां नर्मदा राईस प्रोडक्ट गौरेला के राईस मिल में 74210 क्विटल धान, मेसर्स श्री लक्ष्मी एग्रो इंडस्ट्रीज पेण्ड्रा के राइस मिल में 11493 किवंटल धान, मेसर्स दक्ष फूडस्ट्रीज पेण्ड्रा के राईस मिल में 2965.60 क्विंटल धान, मेसर्स शिवानी ट्रेडर्स पेण्ड्रा के राईस मिल में 640 क्विंटल धान और मेसर्स बुआजी फर्म्स प्रा. लिमिटेड पेण्ड्रा के राईस मिल में 7044.80 क्विंटल धान जप्त की गई। धान की मात्रा में कमी पाए जाने के कारण मिल में भौतिक रूप से पाई गए धान की मात्रा को तहसीलदार गौरला एवम पेण्ड्रा द्वारा जप्ती करने कार्यवाही गई है। खाद्य अधिकारी ने बताया की राईस मिलर्स के द्वारा धान व चावल के अभिलेख का संधारण नहीं की गई है। साथ ही राईस मिलरों के द्वारा खाद्य विभाग को मासिक विवरणी भी प्रदान नहीं की गई है। उक्त सभी संबंधित राईस मिलरों के खिलाफ छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन के प्रावधानों का उल्लंघन पाए जाने पर कलेक्टर न्यायालय में प्रकरण दर्ज कर जप्त किए गए धान को राजसात करने एवं मिलर्स को काली सूची में दर्ज करने की कार्यवाही की जा रही है।