कंचन के लिए सहारा बनी महतारी वंदन योजना, साय सरकार का जताया आभार
रायपुर। मुंगेली जिले के विकासखण्ड मुंगेली के ग्राम गीधा की कंचन बाई, जो कभी एक-एक पैसे के लिए मोहताज हुआ करती थीं, आज महतारी वंदन योजना के तहत मिली राशि का उपयोग करके अपने जीवन में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। कंचन बाई ठेला लगाकर गुपचुप बेचकर बमुश्किल गुजारा कर रही थी। कम आय होने के कारण से घर की आवश्यक जरूरतों को पूरा करना कठिन था तथा व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद नहीं मिल पा रही थी। ऐसे समय में उन्होंने महतारी वंदन योजना का लाभ लेने के लिए फार्म भरा। आवेदन स्वीकृत होने के उपरांत उन्हें अब प्रतिमाह 01 हजार रूपए मिल रहा है, जिससे अब घर की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना आसान हो गया है। कंचन बाई पूरी मेहनत से अपने व्यवसाय को भी आगे बढ़ा रही है। योजना का लाभ मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया। उन्होंने प्रतिमाह मिलने वाली 01 हजार रूपए की राशि को अपने व्यवसाय में निवेश करना शुरू किया। इस राशि का सही तरीके से उपयोग करने के कारण उनका व्यवसाय धीरे-धीरे बढ़ने लगा और उनकी आमदनी भी बढ़ने लगी।
कंचन बाई ने बताया कि उनके परिवार में 04 बच्चे सहित कुल 06 सदस्य हैं। महतारी वंदन योजना की राशि का उपयोग ठेले के लिए आवश्यक सामान जैसे कि गुणवत्ता वाली सामग्री, ठेले की मरम्मत और अन्य उपकरण खरीदने में किया है। इसके परिणामस्वरूप, वह न केवल अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा रही हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मार्ग मिल रहा है। वह अपने व्यवसाय से अच्छी-खासी आमदनी अर्जित कर रही हैं। उनके व्यवसाय की सफलता न केवल उनके परिवार के लिए आर्थिक सहारा बनी है, बल्कि वह अब अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत भी बन गई हैं। कंचन बाई का यह संघर्ष और सफलता दर्शाता है कि सही दिशा में किए गए प्रयास और योजनाओं का लाभ व्यक्ति की स्थिति को बदल सकता है और महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं।
गौरतलब है कि उक्त योजना का शुभारंभ 10 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। राज्य की लगभग 70 लाख हितग्राही महिलाओं को हर माह एक हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। मार्च से लेकर दिसम्बर तक हितग्राही महिलाओं को 10 मासिक किश्तों में 6530 करोड़ 41 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।
महतारी वंदन योजना से संगीता से सीखा बचत और प्रबंधन के गुण
कबीरधाम जिला के ग्राम भागुटोला की निवासी संगीता पटेल आज आत्मनिर्भरता और आर्थिक प्रबंधक का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन गई हैं। उनके जीवन में परिवर्तन का यह सफर छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना से शुरू हुआ, जिसने उन्हें न केवल आर्थिक सहायता दी, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास से भर दिया। संगीता पटेल, एक गृहिणी और मां, अपने परिवार के लिए हमेशा कुछ बेहतर करना चाहती थीं। लेकिन सीमित आय के कारण उनके सपनों को साकार करना मुश्किल था। अब जब उन्हें महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने 1000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलने लगी, तो उनके जीवन में नई उम्मीद जगी। संगीता ने इस राशि का बुद्धिमानी से उपयोग करना शुरू किया। उन्होंने अपनी बेटी के भविष्य के लिए सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खुलवाया और हर महीने उसमें 500 रुपये जमा करने का निर्णय लिया। यह उनके बेटी के बेहतर शिक्षा और भविष्य के सपनों को साकार करने का पहला कदम था। बचे हुए 500 रुपये का उपयोग वह घर के अन्य खर्चों और बच्चों की जरूरतों को पूरा करने में करती हैं।
संगीता बताती हैं कि पहले छोटी-छोटी जरूरतों के लिए मुझे पति या सास-ससुर से पैसे मांगने पड़ते थे, जो कभी-कभी असहजता का कारण बनता था। लेकिन अब मुझे हर महीने अपनी जरूरतों के लिए पैसा मिलता है। यह केवल आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि मेरे लिए आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की भी बात है। इस योजना ने न केवल संगीता को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि उनके भीतर बचत और प्रबंधन का गुण भी विकसित किया है। अब वे अपने बच्चों के भविष्य के बारे में और अधिक सकारात्मक सोचने लगी हैं।